Bolpur, India - November 30, 2018: Indian people waiting for train moving out from train station in Bolpur, India.
Indian railways transport 20 million passengers daily.
कोरबा@M4S: रेलवे की यात्री सुविधा दिन ब दिन बद से बदत्तर होती चली जा रही है। कोरबा से जाने और आने वाली ट्रेनों की रफ्तार बिगड़ी है। ऐसी कोई ट्रेन नहीं है जो समय पर चल रही हो। एक तरफ रेलवे द्वारा कोयला लदान का रिकार्ड बनाया जा रहा है तो दूसरी ओर यात्री ट्रेनें घंटों विलंब से चल रही हैं। रायपुर-बिलासपुर का सफर भी निर्धारित समय से एक से दो घंटे विलंब से हो पा रहा है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर लगातार कीर्तिमान बना रहा है। एक साथ दो मालगाडिय़ों को जोडक़र कोयला परिवहन करना अब रेलवे के लिए सामान्य बात हो गई है। यही वजह है कि इन दिनों कोयला डिस्पैच का प्रतिदिन का औसत जहां पहले 35 रैक का था, वह अब 45 रैक से अधिक हो गया है। विगत एक साल से यात्री ट्रेनों की गति बिगड़ी हुई है, जिस पर रेलवे प्रशासन चाहकर भी अंकुश नहीं लगा पा रहा है। इसका खामियाजा आए दिन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।अब तो स्थिति यह बन चुकी है कि अगर किसी को बिलासपुर या रायपुर जाना है, तो वे यह मानकर ट्रेन में सवार होते हैं कि तय समय में तो नहीं वरन अपने गंतव्य तक जरूर पहुंच जाएंगे। कोरबा आने वाली लिंक एक्सप्रेस, हसदेव एक्सप्रेस रायपुर-कोरबा मेमू लोकल, रायपुर-कोरबा पैसेंजर डेढ़ से दो घंटे तक विलंब से यहां पहुंची थी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल ने एक बार फिर कोरबा में हुई सर्वाधिक लदान के कारण कीर्तिमान बनाया है। इस बार यह कीर्तिमान वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 25 नवंबर तक 100 मिलियन टन माल ढुलाई कर बना लिए हैं। यह रिकार्ड 239 दिनों में इस बार बना है, जबकि बीते वित्तीय वर्ष में 100 मिलियन टन माल ढुलाई का रिकार्ड 244 दिनों में रेलवे ने बनाया था। इसमें सर्वाधिक हिस्सेदारी कोयला लदान की ही है। सुबह की मेमू लोकल हो या पैसेंजर, हसदेव एक्सप्रेस हो या लिंक अथवा शिवनाथ एक्सप्रेस, कोई भी गाड़ी, जो कोरबा से रायपुर के बीच नियमित चलती हैं, वे समय पर नहीं चल रही हैं। यहां से जाने की बात हो या फिर वापस कोरबा आने की। हां यह जरूर है कि रायपुर व बिलासपुर जाने जितना विलंब ट्रेनों को किया जाता है, उससे कहीं अधिक कोरबा आने वाली गाडिय़ों को किया जाता है। इससे यात्रियों की नाराजगी बनी हुई है।