भू विस्थापितो ने एसईसीएल के  खिलाफ खोला मोर्चा  दस सूत्रीय मांगो को लेकर  दीपका दान उत्पादन डिस्पैच किया ठप 

- Advertisement -

रिपोर्ट:राजेश साहू 
कोरबा@M4S:कोरबा जिले के एसईसीएल  दीपका खदान में ऊर्जाधानी भू स्थापित किसान कल्याण समिति ने एस ई सी एल  प्रबंधन के  खिलाफ मोर्चा खोल दिया है,भू विस्थापित  अपनी मांगों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है,बड़ी संख्या में समिति के लोगों ने दीपका खदान पहुंचकर उत्पादन कार्य को बाधित कर दिया,भू विस्थापित  अपने बच्चों के साथ खदान पहुंचे थे,जिन्हें रोकने के लिए पुलिस और  सी आई एस एफ  के जवान लगे हुए थे जो इन्हें रोकने में नाकामयाब रहे,जिनसे दोनों के बीच झड़प भी हुई,भू-विस्थापित समिति के लोग खदान के ओबी (ओवरबर्डन या मिट्टी कटिंग) उत्पादन क्षेत्र व  कोयला उत्पादन क्षेत्र में पहुंचकर कार्य को रुकवा दिया, जिसे देखते हुए एसईसीएल के आला अधिकारी खदान पहुंचे जहां उन्हें भी भू विस्थापितों के गुस्से का सामना करना पड़ा और वे उल्टे भाग खड़े हुए,उर्जाधानी भू-स्थापित किसान कल्याण संघ का कहना है की एस ई सी एल  हमारी जायज मांगों को पूरा नहीं करता है तो उन्हें हमारे इस विरोध का सामना करना पड़ेगा और हम अपनी जायज मांग लेकर रहेंगे, एसईसीएल हमारी जायज मांगों को हमेशा अनदेखी करती है इसी का हम सब यह विरोध कर रहे हैं। 

दस सूत्रीय मांग:
1. परियोजना एवं एरिया स्तर पर पुनर्वास समिति का गठन किया जाए
2. सभी खातेदार को रोजगार, चार गुना मुआवजा और बेहतर पुनर्वास की व्यवस्था किया जाए।
3. प्रभावित परिवारों के बेरोजगारों द्वारा बनाई गई सरकारी समितियों, फार्म, कंपनी को ठेका कार्य में 20% आरक्षण दिया जाना चाहिए। स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता दिया जाए।
4. लंबित रोजगार मुआवजा बसाहट के प्रकरणों को तत्काल निराकरण किया जाए।
5. गांव का आंशिक जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाई जाए।
6. भू-विस्थापित किसान परिवार के बच्चों को निशुल्क प्राथमिक उच्च शिक्षा दिया जाए।
7. जिला खनिज न्यास निधि का उपयोग प्रभावित ग्रामों के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर खर्च किया जाए।
8.पूर्व में अधिग्रहित जमीन वास्तविक खातेदारों को वापस करो,नया अधिग्रहण कानून का पालन किया जाए।
9. एशिया में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन देने वाली कोरबा जिले में माइनिंग कॉलेज खोली जाए।
10. कोयला उत्पादन के नाम पर हैवी ब्लास्टिंग कर आमजनों की जानमाल को नुकसान पहुंचाना बंद किया जाए।इस मामले में एस ई सी एल के जिम्मेदार अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे है,ऊर्जाधानी भू स्थापित किसान कल्याण समिति ने इससे पहले एस ई सी एल की गेवरा खदान को कुछ साल पहले बंद कराया था,जिसमे बाद प्रबंधन जगा था,अब दीपका परियोजना में भी एस ई सी एल प्रबंधन की अनदेखी से भू विस्थापित आक्रोशित है,अगर प्रबंधन का ऐसा ही रवैया रहा तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है जिससे एस ई सी एल के कोयला उत्पादन और डिस्पैच प्रभावित हो सकता है। 

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!