कोरबा@M4S:भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध बालको कर्मचारी संघ (बीकेएस) के सदस्यों ने 07 सितंबर की रात बालको अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ सुनियोजित तरीके से हाथापाई, अभद्रता और गाली-गलौज की। एक बार फिर बीएमएस के सदस्यों ने श्रम न्यायालय के आदेश की अवेहलना की करते हुए बिना किसी पूर्व सूचना के धरना प्रदर्शन किया। बालको प्रबंधन ने हाथापाई में शामिल बीएमएस सदस्यों के खिलाफ बालकोनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज़ करवायी।
बताते चलें कि 07 सितंबर की सुबह से ही बालको के दो कर्मचारी अपने परिवारजनों के साथ बालको के परसाभाटा गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। दोनों ही कर्मचारियों का तबादला सामान्य प्रक्रिया के तहत किया गया था। परन्तु दोनों कर्मचारी इसके विरोध में लगभग चार महीने से अपनी ड्यूटी से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे। इस दौरान बालको प्रबंधन ने दोनों अनुपस्थित कर्मचारियों को कई नोटिस भिजवाए परन्तु इसका कोई भी जवाब कर्मचारियों ने नहीं दिया और ना ही वे ड्यूटी पर हाजिर हुए। इस कदाचार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए बालको प्रबंधन ने दोनों कर्मचारियों का ‘नो वर्क नो पे’ के तहत वेतन रोक दिया।
कल सुबह जब कदाचार के आरोपी कर्मचारियों ने धरना शुरू किया तभी प्रबंधन ने उन्हें उनके प्रदर्शन के अवैधानिक होने की सूचना दे दी थी। श्रम न्यायालय के आदेश के अनुसार कोई भी धरना प्रदर्शन कारखाने के आसपास अवैधानिक तरीके से नहीं किया जा सकता और ना ही सामान्य कामकाज को प्रभावित किया जा सकता है। दोपहर तक कर्मचारी मुख्य द्वार से हट गए और धरना समाप्त कर दिया परन्तु शाम होते तक बीकेएस के सदस्य फिर से लामबंद हो गए और मुख्य प्रवेश द्वार पर आवाजाही रोक दी। जब बालको अधिकारियों की एक टीम सुरक्षाकर्मियों के साथ बीकेएस के सदस्यों को समझाइस देने पहुंची। तब बातचीत के दौरान बीकेएस के सदस्य अचानक ही उग्र हो गए और उन्होंने बालको अधिकारियों और सुरक्षा दल के साथ हाथापाई की।
बालको राष्ट्रीय महत्व का कारखाना है और सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील भी, ऐसे में कल देर रात हुई हाथापाई की यह घटना बेहद चिंताजनक है अवैधानिक धरना प्रदर्शन से उपजी ऐसी औद्योगिक अशांति प्रदेश के साथ ही देश के विकास को अवरुद्ध करेगी।