कोरबा@M4S:बारिश का सीजन शुरू होने के साथ खानपान को लेकर बरती जाने वाली लापरवाही के दुष्परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। फूड प्वाइजनिंग की घटनाओं में लोग अस्पताल दाखिल हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए खाद्य औषधि प्रशासन विभाग ने विक्रेता और उपभोक्ताओं से खानपान को लेकर पर्याप्त सावधानी बरतने को कहा है । इसी कड़ी में बुधवारी चौपाटी की जांच पड़ताल की गई।
एक पखवाड़े के भीतर खाद्य औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने इस इलाके में दूसरी बार जांच पड़ताल करते हुए यह एहसास कराने का काम किया कि जन स्वास्थ्य को लेकर कोई लापरवाही मंजूर नहीं होगी। ओपन थिएटर के पास चौपाटी संचालित की जा रही है, जहां पर काफी संख्या में ठेला खोमचा वाले दुकान लगाते हैं। प्रतिदिन शाम से लेकर रात तक हजारों की संख्या में लोग यहां पर इकट्ठे होते हैं और खानपान की चीजें का आनंद लेते हैं। बारिश के सीजन में अलग-अलग कारणों से कई तरह की समस्याएं खुली हुई चीजों का उपयोग करने के चक्कर में पैदा होती हैं और जिसके चलते लोग बीमार पड़ जाते हैं। खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी आरआर देवांगन और उनके सहयोगी चौपाटी पहुंचे। यहां पर टीम के द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले तेल और अन्य सामानों की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया।
बदले में मौसम में किस तरीके से कामकाज करना है इसे लेकर अधिकारियों ने यहां के कारोबारियों को नसीहत दी। बताया गया कि ना तो सामानों को खुला हुआ रखना है और ना ही लोगों को खुली हुई चीजों का उपयोग करना है। इस तरीके से काम होने पर स्वास्थ्य से संबंधित खतरे कम होंगे और दोनों पक्ष सुरक्षित रहेंगे।
अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस के साथ संबंधित लोगों को काम करने के लिए कहा गया है। सुरक्षा के मानक को अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर नियम की अनदेखी की जाएगी तो विभाग निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार खानपान से संबंधित पैकिंग और दूसरे स्तर के सामानों से जुड़े व्यवसाय करने वाले लोगों को खाद्य औषधि प्रशासन विभाग से लाइसेंस दिया जाना आवश्यक है। इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित की गई हैं जिसे पूरा करते हुए कारोबारी लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। अन्य स्थिति में उन पर पेनल्टी हो सकती है और सजा का भी प्रावधान है।