पानी के लिए ‘वीरू’ बन पानी टंकी पर चढ़ी दो महिलायें

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नई दिल्ली(एजेंसी):अधिकारी खुद तो बिसलरी का ठंडा पानी पी रहे हैं। गांव के गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है। इन्हीं शब्दों में अपना गुस्सा बयां करती अकोला ब्लॉक के नगला कारे गांव की दो महिलाएं सावित्री पत्नी जय सिंह व मिथलेश पत्नी गुड्डू पुलिस लाइन की टंकी पर चढ़ी थीं। वे दोनों गांव के लिए मीठे पानी का इंतजाम न होने तक टंकी से नीचे उतरने को राजी नहीं थीं।

मंगलवार को तहसील दिवस के दौरान अकोला ब्लॉक के नगला कारे निवासी दो महिलाएं गांव में खारे पानी की समस्या बताने को आयी थीं। यहां पर सुनवाई न होने पर दोनों महिलाएं पुलिस लाइन में बनी पानी की टंकी पर दोपहर एक बजे चढ़ गईं। इसके बाद सावित्री और मिथलेश टंकी पर ही चढ़ कर बैठ गईं। इस मामले की जानकारी पर पुलिस कर्मी व अन्य लोग टंकी के नीचे पहुंच गए।

इन लोगों ने जब महिलाओं को नीचे उतरने को कहा तो उन्होंने गांव में खारे पानी की समस्या होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अधिकारी खुद तो एसी में बैठ कर बिसलरी की पानी पी रहे हैं। गांव के लोगों को मीठा पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। यह महिलाएं गांव के लिए मीठे पानी का इंतजाम हुए बिना टंकी पर से उतरने को तैयार नहीं हो रही थीं। दोपहर लगभग ढाई बजे तक इन्हें नीचे उतारने की कोशिश की जा रही थी।

सावित्री पूर्व में भी टंकी पर चढ़ी थी
पुलिस लाइन की टंकी पर मिथलेश भले ही पहली बार चढ़ी हो, मगर सावित्री एक साल पूर्व में भी इसी टंकी पर चढ़ी थी। उस समय वो गांव में लगभग 900 मीटर खड़ंजा बनवाने की मांग करते हुए टंकी पर चढ़ी तो बाद में गांव का खड़ंजा बन गया था। अब दोबारा से सावित्री पानी की समस्या को लेकर पुलिस लाइन की टंकी पर चढ़ गयी।

गांव में मिला मीठे पानी का स्रोत, नहीं लगी मोटर
सावित्री की मानें तो उनके गांव में मीठे पानी की बेहद समस्या है। मीठा पानी न होने के कारण उन लोगों को पानी लाने को तीन से चार किमी तक जाना पड़ता है। एक साल पूर्व गांव में मीठे पानी का स्रोत मिला तो वहां पर मोटर लगा कर उसी से पूरे गांव को पानी देने की योजना भी बनी। मगर बाद में योजना कागजों में ही दब कर रह गयी।

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