नई दिल्ली(एजेंसी):पाकिस्तानी विकेटकीपर-बल्लेबाज कामरान अकमल ने भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाजी रोहित शर्मा की जमकर तारीफ की है। रोहित की पावर हिटिंग की तारीफ करते हुए अकमल ने कहा है कि उनके जैसा कोई दूसरा नहीं है। रोहित शर्मा की तारीफ की साथ ही अकमल ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी काफी तारीफ की हैं और उन्हें भारत का सर्वकालिक महान खिलाड़ी बताया है।
कामरान अकमल ने यूट्यूब चैनल पर सवेरा पाशा को दिए एक इंटरव्यू में एक फैन के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ”वह शानदार हैं… वह अविश्वसनीय बल्लेबाज हैं… जितना मजा उनकी बैटिंग देखने में आते हैं, उतना किसी और की बल्लेबाजी देखने में नहीं आता। रोहित की बल्लेबाजी में जो टाइमिंग है… टेम्परामेंट है… जो उनका कमिटमेंट लेवल है, वह अविश्वसनीय है। 200 करना है… 150 करना है। वह इकलौते बल्लेबाज हैं, जिनके दो (रोहित के वनडे में तीन दोहरे शतक हैं) दोहरे शतक हैं। अगर आप देखें तो इस वर्ल्ड कप 2019 में पांच शतक बनाए हैं। उनकी टाइमिंग के साथ उनकी सिंगर स्ट्राइक रोटेशन भी बेहद खूबसूरत है।”
उन्होंने कहा, ”युवाओं को इन बल्लेबाजों को देखना चाहिए। जिन युवाओं को बल्लेबाजी सीखनी है, वे रोहित शर्मा, विराट कोहली को देखें, बाबर आजम को देखें। आजकल के दौर में युवा इन खिलाड़ियों को जरूर फॉलो करें।”
एक और प्रशंसक ने विकेटकीपर-बल्लेबाज धोनी के बारे में पूछा तो कामरान ने उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का सर्वकालिक महान खिलाड़ी बताया। उन्होंने कहा, ”धोनी भारत के बेस्ट विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए काफी कुछ हासिल किया है। यह अविश्विसनीय है।” उन्होंने कहा, ”अपने पूरे करियर में वनडे क्रिकेट में 50+ का औसत बनाए रखना और लगातार मैच विनिंग पारियां खेलना बहुत मुश्किल होता है।”
आईपीएल के एक्सपीरिएंस पर बात करते हुए कामरान अकमल ने इसे शानदार बताया। कामरान पहले सीजन में आईपीएल की विजेता टीम राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा थे। अकमल ने बताया कि वह कराची में बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 मैच खेल रहे थे। उन्होंने कहा जब लिस्ट आई तो राजस्थान रॉयल्स सबसे नीचे थी। तब मैंने देखा टीम में शेन वॉटसन, शेन वॉर्न, यूसुफ पठान, सोहेल तनवीर, स्मिथ, कैफ जैसे खिलाड़ी हैं तो सब लोग इस टीम को बॉटम पर क्यों कह रहे हैं। मैं इससे काफी हैरान था।
अकमल ने शेन वॉर्न की तारीफ करते हुए कहा, ”मुझे यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण लगता है कि शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलियन टीम के कप्तान नहीं बने। वह बहुत ही समझदार और सेंसिबल कप्तान थे। खेल को पढ़ना, बॉलिंग को समझना, बैट्समैन को जानना, फील्ड सैट करना। सब अविश्वसनीय था। वह टीम को ऐसे लेकर चले, टीम को ऐसा कॉन्फिडेंस दिया कि हम बैकफुट पर गए ही नहीं। कोई मैच नहीं हारे और फिर जीतते गए।”