रायपुर@M4S:राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को देश के सबसे तेज गति से सर्वांगीण विकास करते हुए राज्य की पहचान मिली है। राज्य की नीतियों और जनहितकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से प्रदेश की छवि निखरी है। श्री टंडन ने आज सवेरे यहां विधासभा के बजट सत्र के प्रथम दिवस पर अपने अभिभाषण में इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने सदस्यों से कहा- आप सब जनता के नुमाइंदे ही नहीं, बल्कि आदर्श लोकतांत्रिक व्यवस्था और संसदीय प्रणाली के संचालनकर्ता भी हैं। उन्होंने सभी विधायकों को अपनी शुभकामनाएं दी। श्री टंडन ने अभिभाषण में प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सूखा प्रभावित किसानों-ग्रामीणो को दी गयी राहत
राज्यपाल ने कहा- सूखा प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को राहत देने के उपाय सर्वोच्च प्राथमिकता से किए गए हैं। पहली बार राजस्व पुस्तक परिपत्र में प्राकृतिक आपदाओं की सूची में सूखे को भी शामिल किया गया है, जिसके तहत 33 प्रतिशत से ज्यादा हानि वाले असिंचित क्षेत्र के किसानों को 6 हजार 800 रू. प्रति हेक्टेयर तथा सिंचित क्षेत्र वाले किसानों को 13 हजार 5 सौ रू. प्रति हेक्टेयर की राहत देने का प्रावधान है। मनरेगा के तहत रोजगार दिवस 150 से बढ़ाकर 200 किया गया। भू-राजस्व एवं सिंचाई उपकर की माफी, कृषि ऋण की आंशिक माफी, निःशुल्क एक क्विंटल धान बीज प्रदाय, निःशुल्क विद्युत आपूर्ति की सीमा 9 हजार यूनिट तक करना, विशेष डीजल अनुदान, आदिवासी तथा ग्रामीण क्षेत्र विकास प्राधिकरण मद से असाध्य सिंचाई पम्पों को बिजली कनेक्शन के लिए अतिरिक्त राशि का भुगतान करने जैसी अनेक व्यवस्थाएं की गई हैं। सूखा पीडि़त परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए ‘मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना’ के तहत दी जाने वाली राशि 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रू. कर दी गई है। इन समस्त प्रयासों से सूखाग्रस्त किसान परिवारों को लगभग दो हजार करोड़ रू. की राहत प्रदान की जा रही है।
खेती को लाभप्रद बनाने के प्रयास: लगभग 21.51 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड
श्री टंडन ने कहा- खेती को लाभप्रद बनाने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। फसल विविधीकरण, कृषि यांत्रिकीकरण, कृषकों की दक्षता का विकास, सिंचाई साधनों का विकास, बीज उत्पादन व वितरण में अनुदान जैसे कार्यों का लाभ मिला है। ‘राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार’ पूर्व में तीन बार धान उत्पादन के लिए मिला है, तो इस बार दलहन उत्पादन के लिए मिला है। दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों को सम्पूर्ण जैविक जिलों के रूप में विकसित करने का संकल्प जैविक खेती को बढ़ावा देने में महती भूमिका निभाएगा। कोंडागांव, दंतेवाड़ा तथा सुकमा में ‘बीज प्रक्रिया केन्द्र’ स्थापना प्रगति पर है, जिसके पूर्ण होने पर प्रदेश में ऐसे केन्द्रों की संख्या 30 हो जाएगी। मेरी सरकार ने ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण तथा अल्प-ब्याज पर गौ पालकों, मत्स्य पालकों और उद्यानिकी कृषकों को इस वर्ष लगभग 26 सौ करोड़ रू. का ऋण दिया है। सहकारी बैंकों तथा समितियों के माध्यम से 21 लाख 51 हजार किसानों को क्रेडिट कार्ड प्रदान किए गए हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और किसानों को भुगतान की प्रक्रिया में निरंतर सुधार किया जा रहा है। इस वर्ष खरीफ मौसम में 11 लाख 5 हजार किसानों से लगभग 59 लाख 28 हजार टन धान की खरीदी की जा चुकी है और किसानों को 8 हजार 429 करोड़ रू. का भुगतान किया गया है। अधिकतम किसानों के बैंक खातों में यह राशि ऑनलाईन जमा कराई गई है।
लगभग बारह सौ नयी ग्राम पंचायतों में नयी राशन दुकानें
राज्यपाल ने कहा- सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आदर्श व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। नवगठित 1220 ग्राम पंचायतों में से 1185 में नवीन राशन दुकानें खोल दी गई हैं तथा शेष 35 पंचायतों में भी शीघ्र ही खोली जाएंगी। सभी राशन दुकानों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है।
प्रदेश में 90 सिंचाई योजनाएं पूर्ण:
भू-जल संवर्धन के लिए 265 एनीकटों का निर्माण
राज्यपाल ने अभिभाषण में बताया- प्रदेश में कृषि, पेयजल, निस्तारी, उद्योग जैसी सभी आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त जल संरक्षण, संवर्धन की दिशा में सुनियोजित प्रयास किए हैं। ‘त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम’ के तहत 232 लघु सिंचाई योजनाओं में से 90 योजनाएं पूर्ण की गई हैं। ‘मरम्मत, नवीनीकरण तथा पुनरुद्धार’ योजना के अन्तर्गत 131 परियोजाओं में से 116 का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। मेरी सरकार ने बहते हुए पानी को रोकने और भू-जल संवर्धन के ध्येय से 265 एनीकट का निर्माण पूरा कर लिया है। अब विद्युतीकरण से तटीय ग्रामों में किसानों को सिंचाई सुविधा दी जाएगी। 28 एनीकटों तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है। राज्य में 4 वृहत, 4 मध्यम और 565 लघु सिंचाई योजनाएं तथा 215 एनीकट निर्माणाधीन हैं।
छत्तीसगढ़ में अब प्रत्येक 76 लोगों पर एक हैण्डपम्प
उन्होंने बताया- हर बसाहट में कम से कम एक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध कराने का मापदण्ड लगभग पूरा कर लिया है। 68 हजार से अधिक बसाहटों में 40 लीटर प्रति व्यक्ति पेयजल की व्यवस्था कर दी गई है। राज्य में प्रति 76 व्यक्तियों के लिए एक हैण्डपम्प स्थापित किया जा चुका है, जबकि 7 वर्ष पहले 250 व्यक्तियों पर एक हैण्डपम्प उपलब्ध था। बारह वर्षों में हैण्डपम्प की उपलब्धता 73 प्रतिशत, शालाओं में पेयजल की उपलब्धता 481 प्रतिशत, ग्रामीण नल-जल योजनाएं 297 प्रतिशत, ग्रामीण स्थल जल प्रदाय योजनाएं 596 प्रतिशत तथा शहरी जल प्रदाय योजनाएं एक हजार प्रतिशत बढ़ी हैं। स्वयं के भवनों में संचालित 90 प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था कर दी गई है। जहां बिजली नहीं है, ऐसे स्थानों पर 22 सौ सौर-पम्पों से पेयजल की व्यवस्था की गई है। आर्सेनिक प्रभावित 18, खारा पानी प्रभावित 154 तथा फ्लोराइड प्रभावित 549 बसाहटों में जल शुद्धिकरण के इंतजाम किए हैं।
अनुसूचित जाति-जनजातीय क्षेत्रों में
शिक्षा को बनाया बदलाव का बड़ा माध्यम
. श्री टंडन ने कहा- राज्य के अनुसूचित जाति-जनजाति क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए अच्छी अधोसंरचना, संवेदनशील प्रशासन के साथ ही शिक्षा को बदलाव का सबसे बड़ा माध्यम बनाया गया है। नक्सल प्रभावित जिलों से चयनित प्रतिभावान बच्चों को ‘प्रयास’ आवासीय विद्यालय की सुविधा उपलब्ध कराने के बहुत ही शानदार परिणाम आए हैं। इस वर्ष एक नया ‘प्रयास’ प्रारंभ होने से अब राज्य में ऐसे विद्यालयों की संख्या 7 हो गई है। इस वर्ष 4 प्री-मेट्रिक छात्रावास तथा एक क्रीड़ा परिसर शुरू किए गए हैं। प्रत्येक आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय में निःशुल्क आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 500 सीटों वाले 28 छात्रावासों के और इसके अतिरिक्त 102 छात्रावास तथा आश्रम भवनों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। छात्रावासों में 1705 सीटें बढ़ाई गई हैं। विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 11 सूत्रीय कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के 100 गांवों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
श्री टंडन ने बताया – छत्तीसगढ़ में ‘प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ के अन्तर्गत 100 गांवों का चयन कर उनके समग्र विकास की योजना बनाई जा रही है। ‘वनबन्धु कल्याण योजना’ कोण्डागांव जिले में शुरू की गई है, जो जनजातीय बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में मील का पत्थर साबित होगी।
राज्य में 1400 से ज्यादा गांव खुले में शौचमुक्त घोषित
श्री टंडन ने कहा- ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के लक्ष्य पूरा करने हेतु 14 सौ से अधिक ग्राम ‘खुले में शौच से मुक्त’ किए जा चुके हैं। गांवों में 3 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालय बनाए जा चुके हैं तथा इससे अधिक निर्माणाधीन हैं।
तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 156 करोड़ का पारिश्रमिक
श्री टंडन ने अभिभाषण में बताया- लघु वनोपजों पर आश्रित आदिवासी तथा वनवासी परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए विगत एक वर्ष में तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक के रूप में 156 करोड़ रू. वितरित किए गए हैं। वर्ष 2014 में संग्रहित तेन्दूपत्ता के कारोबार का बोनस लगभग 72 करोड़ रू. दिया जा रहा है। वर्ष 2016 के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 12 सौ से बढ़ाकर 15 सौ रू. प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। प्राथमिक वनोपज समितियों के प्रबंधकांे का प्रतिमाह पारिश्रमिक 8 हजार 5 सौ से बढ़ाकर 10 हजार रू. कर दिया गया है। फड़ मुंशियों के प्रति मानक बोरा कमीशन को बढ़ाकर, अग्रिम विक्रय समिति में 20 रू. से 25 रू. प्रति मानक बोरा तथा विभागीय संग्रहण समितियों में 25 रू. से 30 रू. किया गया है। प्रदेश में बड़ी संख्या में वनवासी सालबीज, हर्रा, कुसुमी लाख, रंगीनी लाख, चिरौंजी, इमली, महुआ गुठली के संग्रह से अपनी आजीविका चलाते हैं। इन परिवारों को बेहतर आय दिलाने के लिए मेरी सरकार ने इन लघु वनोपजों की खरीदी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करना प्रारंभ कर दिया है।
प्रदेश में लगभग 28 हजार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण
श्री टंडन ने बताया- राज्य सरकार ने प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के लोकव्यापीकरण के लक्ष्य पूर्ण कर लिए हैं। लगभग 28 हजार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर प्रत्येक शाला में समुचित शिक्षकों की व्यवस्था की है। शाला त्याग दर 30 प्रतिशत से घटकर लगभग 1 प्रतिशत हो गई है। नक्सल प्रभावित अंचलों में 60 पोटा केबिनों में 28 हजार बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु शासन-प्रशासन तथा समाज की भागीदारी का बड़ा अभियान चलाया जा रहा है।
कॉलेजों में हो रही 966 सहायक प्राध्यापकों की भर्ती
श्री टंडन ने बताया- उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और उसे रोजगारमूलक बनाने के लिए एक वर्ष में 5 आवासीय आदर्श महाविद्यालय प्रारंभ कर दिए हैं। प्रत्येक महाविद्यालय के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है और 12 करो़ड़ रू. राशि की स्वीकृति भी जारी की गई है। ये महाविद्यालय कौशल आधारित पाठ्यक्रमों के संचालन में अग्रणी होंगे। विभिन्न महाविद्यालयों के लिए 966 सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की जा रही है। 20. मेरी सरकार ने शासकीय महाविद्यालय भवनों तथा परिसरों को ‘वाई-फाई’ करने की योजना पर अमल शुरू कर दिया है, जिससे युवाओं को समान रूप से आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए महाविद्यालयों में शिक्षण शुल्क माफ कर दिया गया है।
कुशल भारत की तर्ज पर कुशल छत्तीसगढ़ अभियान
राज्यपाल ने अभिभाषण में बताया -‘कुशल भारत’ की तर्ज पर ‘कुशल छत्तीसगढ़ अभियान’ प्रारंभ किया है। प्रदेश में ‘कौशल उन्नयन’ को युवाओं का अधिकार बनाया गया है, जिसके तहत ‘कौशल प्रशिक्षण’ हेतु 78 सेक्टर्स में 603 पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं। राज्य के सभी जिलों में ‘स्किल गेप एनालिसिस’ के माध्यम से ऐसे नए पाठ्यक्रम बनाए जाएंगे जो त्वरित रूप से रोजगार उपलब्ध कराएं। प्रदेश के सभी जिलों में स्थापित लाइवलीहुड कॉलेजों को उद्योग समूहांे के साथ संलग्न किया गया है, ताकि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिल सके। ‘युवा क्षमता विकास योजना’ के अन्तर्गत रोजगार के लिए ब्याज में छूट, परीक्षा तथा अध्ययन शुल्क में कमी की गई है जिसका लाभ व्यापमं, आईटीआई, तकनीकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगा।
राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन
श्री टंडन ने कहा- राज्य सरकार ने प्रशासन को ज्यादा जवाबदेह, सक्षम तथा चुस्त बनाने की दिशा में नया कदम उठाते हुए ‘राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग’ का गठन किया है। इससे कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने में भी मदद मिलेगी। पंजीयन तथा मुद्रांक से संबंधित कार्यों के लिए आम जनता को होने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए पंजीयन प्रक्रिया का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है, जिससे अंगूठे में काली स्याही लगाने के स्थान पर डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जा सकेगा।
सभी सरकारी अस्पतालों के लिए ‘कायाकल्प’ योजना
अभिभाषण में राज्यपाल ने सदन को बताया- छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय अस्पतालों के लिए ‘कायाकल्प योजना’ शुरू की है, जिसके तहत चिकित्सालय उन्नयन तथा मरीजों की सुविधाएं बढ़ाने से संबंधित अनेक कार्य किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता एवं जवाबदेही तय करने, प्रसव के दौरान माताओं को भावनात्मक मदद के लिए ‘जन्म सहयोगी कार्यक्रम’ लागू किया गया है। इस तरह सभी सरकारी अस्पतालों में सामान्य प्रसव के समय प्रसव कक्ष में, प्रसूता के साथ उनकी परिचित महिला रह सकेगी। ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना’ के अंतर्गत इस वर्ष 5 लाख 47 हजार से अधिक हितग्राहियों को 300 करोड़ रू. की चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई।
चिरायु अभियान में 70 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
श्री टंडन ने बताया – राज्य शासन द्वारा संचालित ‘चिरायु अभियान’ का मॉडल काफी सफल रहा है। गौरव का विषय है कि देश के अन्य राज्य इसका अनुकरण कर रहे हैं। इस अभियान के अंतर्गत 18 वर्ष तक के 70 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण चिरायु दलों द्वारा आंगनवाडि़यों, शासकीय स्कूलों में किया गया। चिरायु दलों, शासकीय व निजी अस्पतालों के माध्यम से 12 लाख से अधिक बच्चों का मौके पर उपचार किया गया और लगभग 2 लाख बच्चों को आवश्यकतानुसार उच्च स्तरीय चिकित्सा हेतु बड़े अस्पतालों में संदर्भित किया गया है। मेरी सरकार ने वर्ष 2012 को ‘जन्म-मृत्यु पंजीयन वर्ष’ के रूप में मनाया था और शत-प्रतिशत पंजीयन के लिए अभियान शुरू किया था। 3 वर्षों में पंजीयन का स्तर 68-69 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत पहुंच गया है।
कुपोषण मुक्ति के लिए तीन लाख से ज्यादा ‘बालमित्र’ बनाए गए
राज्यपाल ने कहा- महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों में समुदाय की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। ‘आंगनवाड़ी गुणवत्ता उन्नयन अभियान’ के अन्तर्गत कम वजन के बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने हेतु 3 लाख से अधिक ‘बालमित्र’ बनाए गए हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों में संसाधन तथा सेवाओं में सुधार हेतु लगभग 45 हजार ‘आंगनवाड़ी मित्र’ बनाए गए हैं। ‘नवा जतन योजना’ के माध्यम से अब तक तीन चरणों में 50 हजार से अधिक बच्चों का कुपोषण दूर किया गया है। भविष्य में ‘कुपोषणमुक्त छत्तीसगढ़’ बनाने की योजना तैयार की गई है।
ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने की रणनीति
राज्यपाल ने कहा-ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ग्रामोद्योग की भूमिका बढ़ाने के लिए हाथकरघा तथा हस्तशिल्प के विभिन्न आयामों के समग्र रूप से विकास की रणनीति अपनाई है। इसके परम्परागत कार्य से जुड़े लोगों को अनेक सुविधाएं दी गई हैं, जिससे उनके कार्यों के विस्तार और आय में वृद्धि की नई संभावनाएं उजागर हुई हैं। ‘शासकीय वस्त्र उत्पादन कार्यक्रम’ के अंतर्गत बुनकरों द्वारा वर्ष 2014-15 में 80 करोड़ रू. मूल्य का उत्पादन कराया गया था, जिससे उन्हें 30 करोड़ रू. का पारिश्रमिक मिला। इस वर्ष 95 करोड़ रू. मूल्य का उत्पादन संभावित है, जिससे बुनकरों को 35 करोड़ रू. से अधिक का भुगतान होगा। इसी प्रकार रेशम, खादी आदि वस्त्रों व हस्तशिल्पों का उत्पादन व विक्रय बढ़ा है।
मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना में 1.35 लाख से
ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों ने किया भ्रमण
श्री टंडन ने कहा- ‘सर्वधर्म-समभाव’ को मजबूत करने हेतु कमजोर तथा जरूरतमंद तबकों के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना’ संचालित कर रही है। इसके माध्यम से 1 लाख 35 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों और 4 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को विभिन्न तीर्थ-स्थानों का भ्रमण कराया जा चुका है। इस वर्ष बस्तर अंचल के मांझी, चालकियों तथा प्रदेश के विभिन्न स्थानों में शासकीय मंदिरों में कार्यरत पुजारियों व सेवादारों का मानदेय 35 प्रतिशत बढ़ा दिया है।
श्रम कानून एवं सुधार क्षेत्र में छत्तीसगढ़ दूसरे नम्बर पर
राज्यपाल ने बताया- भारत शासन तथा विश्व बैंक द्वारा कराए गए प्रथम ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ को देश में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। श्रम कानून एवं सुधार के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर रहा है। मेरी सरकार की आकर्षक नीतियों से प्रदेश में निवेशकों का रुझान बना हुआ है। विगत वर्ष प्रदेश में 1 हजार 864 सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग स्थापित हुए हैं, जिसमें 6 हजार 4 सौ करोड़ रू. का पूंजी निवेश हुआ है। कोर-सेक्टर की विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं के अन्तर्गत किए गए 124 एमओयू में से 63 इकाइयां प्रारंभ हो चुकी हैं तथा 61 प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं। इससे प्रदेश में अब तक 60 हजार 618 करोड़ रू. का पूंजी निवेश हो चुका है। सार्वजनिक क्षेत्र के माध्यम से औद्योगिक विकास की शुरुआत बस्तर में हो चुकी है। नगरनार स्टील प्लांट इस वर्ष प्रारंभ हो जाएगा। अल्ट्रा-मेगा स्टील प्लांट, पैलेट प्लांट, रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना, स्लरी पाइपलाइन परियोजना में 26 हजार करोड़ रू. के पूंजी निवेश हेतु एमओयू किए गए हैं।
मेक इन छत्तीसगढ़ से मिलेंगे रोजगार के नये अवसर
अभिभाषण में श्री टंडन ने बताया- भारत सरकार की योजना ‘मेक इन इंडिया’ के साथ कदम मिलाकर चलने हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ‘मेक इन छत्तीसगढ़’ योजना बनाई गई है, जिसके तहत नई नीतियां बनाने से लेकर निवेशक सम्मेलन आयोजित करने तक और निवेश आसान बनाने के लिए उठाए गए कदमों का व्यापक असर हुआ है। हथखोज भिलाई में इंजीनियरिंग पार्क का लोकार्पण किया जा चुका है। नया रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग पार्क, धमतरी जिले में मेगा-फूड पार्क का सपना जल्दी साकार होगा। प्रदेश का पहला ‘टूल-रूम’ भिलाई में स्थापित किया जाएगा। इन प्रयासों से प्रदेश में रोजगार के नए-नए अवसर सृजित होंगे।
राज्य को 900 करोड़ से अधिक अतिरिक्त खनिज राजस्व
राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा- खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्र के विकास के लिए ‘छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015’ (डीएमएफ) लागू किया गया है। इससे 900 करोड़ रू. से अधिक का अतिरिक्त खनिज राजस्व प्रति वर्ष मिलना अनुमानित है, जिसे खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास कार्यों में कलेक्टरों के माध्यम से व्यय किया जाएगा। पूर्व प्रचलित नीति के अनुरूप विगत वर्ष गौण खनिजों से प्राप्त लगभग 190 करोड़ रू. की राशि पंचायतों तथा नगरीय निकायों को वितरित की गई है। खनिजों का आवंटन नीलामी के माध्यम से किया जा रहा है। प्रथम चरण में चार चूनापत्थर ब्लाक्स तथा एक स्वर्ण धातु ब्लाक का निर्धारण कर नीलामी की प्रक्रिया प्रचलन में है।
श्रमिकों के हित में कई कदम
श्री टंडन ने अभिभाषण में बताया- छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रमिकों के हित में अनेक कदम उठाए हैं, जिसके तहत 6 लाख 80 हजार असंगठित कर्मकार तथा 10 लाख निर्माणी श्रमिकों के लिए 48 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। विगत वर्ष सफाई कामगारों, ठेका श्रमिकों, घरेलू महिला कामगारों, हमाल कामगारों के लिए 21 योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। राज्य में कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं द्वारा 37 औषधालय संचालित हैं तथा 7 नए औषधालय शीघ्र प्रारंभ किए जा रहे हैं।
पांच जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
सदन को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने बताया- छत्तीसगढ़ में ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ के अन्तर्गत 5 जिलों- बलरामपुर, राजनांदगांव, गरियाबंद, बस्तर और कांकेर में गरीबी उन्मूलन के कार्य शुरू किए हैं, जिनसे 5 लाख 64 हजार परिवारों को जोड़ा गया है।
प्रदेश के 32 शहरों में मास्टर प्लान लागू
श्री टंडन ने बताया- शहरों के नियोजित विकास पर जोर दिया, जिसके कारण प्रदेश में अब 32 शहरों के ‘मास्टर प्लान’ प्रभावशील हो चुके हैं। आगामी 3 वर्षों में सभी शहरों की ‘नगर विकास योजनाएं’ तैयार कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। 70 नगरीय निकायों में क्लस्टर आधारित 300 सिटी बसों के संचालन की परियोजना को राष्ट्रीय सम्मान मिला है।
प्रधानमंत्री की योजनाओं में छत्तीसगढ़ अग्रणी
राज्यपाल ने कहा-प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकताओं वाली विभिन्न योजनाओं को लागू करने में छत्तीसगढ़ ने देश में अग्रणी स्थान हासिल किया है। ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ के तहत 89 लाख खाते खोले गए। ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के अन्तर्गत लगभग 10 लाख, ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ के अन्तर्गत लगभग 47 लाख तथा ‘अटल पेंशन योजना’ के अन्तर्गत 25 हजार से अधिक, ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के अन्तर्गत 1 लाख 14 हजार हितग्राही जुड़ गए हैं। बस्तर संभाग तथा राजनांदगांव जिले में 54 बैंक-शाखाएं खुलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे इन योजनाओं में और प्रगति होगी।
सम्पर्क-संचार सुविधाओं को बढ़ाने की रणनीति
श्री टंडन ने कहा- राज्य, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की मदद से बहुत बड़े पैमाने पर प्रदेश में सम्पर्क और संचार सुविधाओं के विस्तार की रणनीति बनाई है। लगभग 10 हजार किलोमीटर सड़कों व 1308 किलोमीटर रेल लाइनों का निर्माण, सुदृढ़ विद्युत पारेषण और वितरण नेटवर्क, टेलीकॉम नेटवर्क इसमें शामिल हैं। रायपुर-बिलासपुर सड़क निर्माण मॉडल की तर्ज पर रायपुर-धमतरी फोर-लेन और रायपुर-दुर्ग एलीवेटेड एक्सप्रेस-वे निर्माण की मंजूरी एक बड़ी उपलब्धि है। मेरी सरकार ने प्रदेश में वायु परिवहन की संभावनाओं को चिन्हांकित करते हुए रायपुर स्थित स्वामी विवेकानन्द एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने, जगदलपुर तथा रायगढ़ में व्यावसायिक एयरपोर्ट, बिलासपुर तथा अंबिकापुर में एयरपोर्ट के विकास हेतु प्रयास किए हैं। अंबिकापुर तथा बलरामपुर हवाई-पट्टी में रनवे का निर्माण पूर्ण हो चुका है।
बढ़ेगी बिजली उत्पादन क्षमता
राज्यपाल श्री टंडन ने अभिभाषण में बताया- ‘जीरो पॉवर-कट’ राज्य के गौरव को स्थायित्व देने के लिए वृहत कार्ययोजना का क्रियान्वयन कर रही है। इसके लिए भारत सरकार के साथ ‘विजन डाक्यूमेंट’ हस्ताक्षरित किया गया है। इससे निकट भविष्य में उत्पादन क्षमता बढ़कर 3 हजार 424 मेगावॉट हो जाएगी। पारेषण क्षमता 6 हजार एमवीए से बढ़कर 10 हजार 225 एमवीए हो जाएगी। 33/11 केवी के 178 उपकेन्द्र, 11/0.4 केवी के 1 हजार 516 उपकेन्द्र, 1 हजार 620 किलोमीटर लम्बी 33 केवी लाइन तथा 2 हजार 5 सौ किलोमीटर लम्बी एलटी लाइन का विस्तार किया जाएगा।
सौर ऊर्जा में छत्तीसगढ़ की ऊंची छलांग
राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा- सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने ऊंची छलांग लगाई है। सरकारी भवनों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, आदिवासी आश्रमों, छात्रावासों में 16 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। दूरस्थ अंचल के 161 ग्रामों में 523 सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। राजनांदगांव, जांजगीर, चांपा, कोरबा तथा रायगढ़ जिलों में ‘सोलर पॉवर पार्क’ का विकास कर सौ-सौ मेगावॉट क्षमता के संयंत्रों की स्थापना आगामी वर्षों में की जाएगी। ‘डिजिटल इंडिया’ के लिए मेरी सरकार की प्रतिबद्धता और अभिनव प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल स्थान मिला है। नई ‘छत्तीसगढ़ नवाचार एवं उद्यमिता विकास नीति’ बनाकर सूचना प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था की बुनियाद तैयार की गई है। ‘विद्यार्थी जीवन-चक्र प्रबंधन परियोजना’ 8 लाख विद्यार्थियों को शैक्षणिक गतिविधियों संबंधित ऑनलाइन सेवाओं से लाभान्वित करेगी।
एक वर्ष से भी कम समय में 175 लोक सेवा केन्द्र शुरू
श्री टंडन ने बताया- एक वर्ष से भी कम समय में राज्य के सभी जिलों में 175 लोक सेवा केन्द्र स्थापित कर 10 लाख लोगों को ऑनलाइन विभिन्न दस्तावेज दिए जा चुके हैं। वर्तमान में संचालित 36 जन उपयोगी सेवाओं के अलावा सीमांकन, नामांतरण, शोध-क्षमता, ऋण-पुस्तिका, नजूल पट्टा अनापत्ति, नजूल पट्टा नवीनीकरण, आरबीसी 6 (4) आदि 7 प्रकार की सेवाएं इसमें शामिल करना व्यापक जनहित में उठाया जा रहा बड़ा कदम है।
राष्ट्र निर्माण की दो योजनाओं का छत्तीसगढ़ में हुआ शुभारंभ
राज्यपाल ने अभिभाषण में आगे कहा- राष्ट्र निर्माण की दो अत्यंत महत्वाकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ छत्तीसगढ़ की धरती पर हुआ। प्रधानमंत्री जी ने ‘श्यामाप्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन’ का शुभारंभ डोंगरगढ़ में किया। यह योजना ग्रामीण अंचलों के आर्थिक स्वावलंबन तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास में बड़ी भूमिका निभाएगी। ‘सबके लिए आवास’ की ध्वजवाहक ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ का शुभारंभ नया रायपुर में हुआ। इसके साथ ही नया रायपुर में 40 हजार ई.डब्ल्यू.एस. तथा एल.आई.जी. आवास बनाने की योजना का शिलान्यास भी हुआ है। ‘मुख्यमंत्री जन आवास योजना’ के तहत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के आवासों पर सभी वर्गों को 10 प्रतिशत की छूट दी गई है। छत्तीसगढ़ के विश्व स्तरीय ‘स्मार्ट शहर’ नया रायपुर में ‘इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर’ का शिलान्यास भी प्रधानमंत्री जी के हाथों से हुआ है।