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कोरबा@M4S: निर्माणाधीन कोरबा- कुसमुंडा फोरलेन मार्ग पर इन दिनों आवागमन परेशानी भरा साबित हो रहा है। निर्माण कार्य के कारण वाहनों के परिचालन से धूल का गुबार उठ रहा है। धूल इतनी है कि सामने की विजिबिलिटी दिन में भी गायब हो जाती है। जिससे हादसे का खतरा बना हुआ है। रात के समय तो मार्ग से आवागमन और भी कठिन है। मार्ग पर पानी का छिडक़ाव नहीं होने से भारी समस्या का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। मार्ग से उड़ रही धूल सडक़ किनारे के व्यवसायियों का धंधा प्रभावित तो कर ही रही है घरों में भी धूल की मोटी परत जम रही है। लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर देखा जा रहा है।
कोरबा-कुसमुंडा मार्ग पर जाम ने आमजनों का जीना मुहाल कर दिया है। आए दिन लग रहे जाम के कारण मिनटों का सफर घंटों में तय हो पा रहा है। जाम लगने के पीछे केवल कोई एक कारण नहीं बल्कि अनेक वजह है।भारी वाहनों का जाम इमलीछापर फाटक से लेकर दाएं तरफ शिव मंदिर चौक की ओर लग रहा है।
खमरिया मोड़ के अलावा डंपर पुल तक और इमली छापर चौक से बाई तरफ कुना मोड़, एनटीपीसी पुल तक जाम की समस्या बनी हुई है। जिस वजह से इस मार्ग पर चलने वाले हल्के वाहन जाम में फंस रहे हैं। कई बार तो थाना चौक पर घंटों तक हल्के वाहन भारी वाहनों के बीच फंसे रहते हैं। दुपहिया वाहन चालक भी इस जाम से चाहर नहीं निकल पाते। जाम की मुख्य वजह एक नहीं अनेको है इमलीछापर फाटक के लगातार बंद रहने से जाम लग जाता है। कुसमुंडा थाना चौक से गेवरा टिपर मार्ग पर चल रहे सीसी रोड निर्माण कार्य के कारण भी जाम की स्थिति निर्मित होती है। कुसमुंडा खदान में कोयला लदान के लिए भारी वाहनों के लिए एटी में देरी, इमली छापर चौक से लगा लक्ष्मण नाला का सकरा पुल भी जाम का कारण है। इसके अलावा इमलीछापर चौक के पास बने विशालकाय गड्ढे भी जाम का सबब बने हुए हैं। कुचेना मोड़ से लेकर शिव मंदिर चौक तक दुकानों के सामने 24 घंटे खड़े भारी वाहनों की वजह से उनका व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। मार्ग पर फोरलेन सडक़ आकार ले रहा है, लेकिन निर्माण कार्य के कारण भी यातायात भी प्रभावित हो रहा है।