धान के बदले मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, मूंगफली की फसल को मिलेगा बढावा लगभग तीन हजार 049 हेक्टेयर में फसल परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित

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कोरबा@M4S: राज्य शासन ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सजग है। ग्रामीणों तथा किसानों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का सुदृढ़ बनाने के लिए शासन द्वारा पारंपरिक धान की खेती के बदले अन्य दलहन, तिलहन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में धान की खेती के बदले मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, मूंगफली, तिल तथा अन्य फसलों के उत्पादन के लिए लगभग तीन हजार 49 हेक्टेयर जमीन में फसल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य शासन की मंशानुसार जिले में कृषि विभाग द्वारा दलहन-तिलहन मक्का आदि की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है।
उप संचालक कृषि श्री श्यामकुंवर ने बताया कि धान के लगातार फसल लेने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम होती जाती है। इसके साथ ही एक ही फसल लेने से हानिकारक कीड़े और बीमारियों की संख्या भी बढ़ती है। फसल उत्पादन बढ़ाने रासायनिक उर्वरकों एवं बीमारियों के उपचार के लिए अत्याधिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इससे खेती की लागत में भी बढ़ोत्तरी होती है। अधिक कीट नाशकों के उपयोग से पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में दलहन-तिलहन फसल लेने की व्यापक अवसर है। धान के बदले दलहनी एवं तिलहनी फसल लेने से खेती की जमीन की उर्वरता बढ़ती है तथा फसल का उत्पादन अधिक होता है। उन्होंने बताया कि धान के बदले कम पानी में आसानी से मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, मुंगफली, तिल की फसलें ली जा सकती है। इन फसलों का बाजार मूल्य भी धान से अधिक है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले के विकासखंड कोरबा में 466 हेक्टेयर, करतला में पांच सौ हेक्टेयर, कटघोरा में 172 हेक्टेयर, पाली में 308 हेक्टेयर तथा पोंड़ी उपरोड़ा में सर्वाधिक 1604 हेक्टेयर में धान के बदले अन्य फसल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए मक्का क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। धान के बदले अन्य फसलों की खेती करने में मक्का की खेती के लिए सर्वाधिक 1670 हेक्टेयर जमीन का लक्ष्य निर्धारण किया गया है। अरहर के लिए 230 हेक्टेयर, उड़द के लिए 370 हेक्टेयर, मूंग 147 हेक्टेयर, मूंगफली 315 हेक्टेयर, तिल 261 हेक्टेयर तथा अन्य दलहनी-तिलहनी फसलों के लिए 50 हेक्टेयर में खेती करने की रूपरेखा तैयार किया गया है।
श्श्यामकुंवर ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में धान के बदले अन्य फसल लेने के लिए विकासखंड कोरबा में मक्का के लिए 205 हेक्टेयर, अरहर के लिए 40 हेक्टेयर, उड़द की खेती के लिए 95 हेक्टेयर, मूंग के लिए आठ हेक्टेयर, मूंगफली के लिए 68 हेक्टेयर, तिल के लिए 40 हेक्टेयर में तथा अन्य 10 हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विकासखंड करतला में मक्का 145 हेक्टेयर, अरहर 50 हेक्टेयर, उड़द 113 हेक्टेय, मूंग 71 हेक्टेयर, मूंगफली 80 हेक्टेयर, तिल 31 हेक्टेयर एवं अन्य की खेती 10 हेक्टेयर में करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार विकासखंड कटघोर में मक्का 16 हेक्टेयर, अरहर 45 हेक्टेयर, उड़द 48 हेक्टेयर मूंग 9 हेक्टेयर, मूंगफली 50 हेक्टेयर, तिल 9 हेक्टेयर एवं अन्य 10 हेक्टयर मेंखेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विकासखंड पाली में कक्का 47 हेक्टेयर, अरहर 45 हेक्टेयर, उड़द 60 हेक्टेयर, मूंग छह हेक्टेयर, मूंगफली सात हेक्टेयर, तिल 133 हेक्टेयर एवं अन्य की खेती के लिए 10 हेक्टेयर जमीन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विकासखंड पोंड़ी उपरोड़ा में मक्का 1273 हेक्टेयर, अरहर 50 हेक्टेयर, उड़द 60 हेक्टेयर, मूंग 53 हेक्टेयर, मूंगफली 110 हेक्टेयर, तिल 48 हेक्टेयर एवं अन्य फसल 10 हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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