कोरबा@M4S:किसान, भुविस्थापित , ग्रामीण और प्रवासी मजदूरो की राहत और समस्याओ को लेकर आज 27 मई को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति जिसमे 300 से ज्यादा किसान और जमीन संघर्ष से जुड़े संगठन शामिल है उसके आव्हान पर देश व्यापी विरोध प्रदर्शन का आव्हान किया गया हैं। इस प्रदर्शन में देश व्यापी और स्थानीय मांगो के समर्थन में ऊर्जाधानी संगठन के द्वारा भुविस्थापित किसानो के प्रमुख मांगो को जोड़कर विरोध प्रदर्शन करने किया गया। आज हुए जोरदार प्रदर्शन में कई स्थानों में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने भी हिस्सेदारी किया । आज सुबह 8 बजे से 12 बजे तक 50 से अलग अलग स्थानों में ऊर्जा धानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें रलिया ,भठौरा, भिलाइबाजार ,आमगांव , केसला ,गंगदेयी ,बिरदा , सराई सिंगार, रिसदी, पाली पड़निया , कनबेरी ,खम्हरिया , सोनपुरी जतराज, कपातमुडा , भैरोताल, छुरकछार बस्ती सुमेधा, नागिन भांठा , घुड़देवा , डबरी पारा ,पुरैना मोंगरा , गजरा, पौसरा , तेलसरा, जमनीमुड़ा ,बांकी बस्ती, विजयनगर, हरदी बाजार , जोकाही डबरी, अंडी कछार , खोदरी, जेलपारा, बर भांठा , सुआभोड़ी, चैनपुर सिरकी खुर्द , गांधी नगर , दीपका ,कुचेना, डंगनिया खार, मलगांव, सराईपाली बुद्बुड, राहा डीह ,डुगुपारा बतारी, सहित अन्य गाँवों में विजयपाल सिंह,रूद्र दास महंत, श्रीकांत सोनकर, तिरिथ केशव, ऊदल यादव, रविंद्र जगत ,अनिल टंडन , सुरेंद्र प्रसाद, नरेंद्र राठौर, जय कौशिक , मनीराम भारती , गजेंद्र सिंह तंवर, सतीश कुमार , प्रकाश कोरार्म , संदीप कंवर ,ललित महिलांगे, अनिल टण्डन, सम्पत कंवर, मनप्रीत, सावित्री चौहान सूरजकंवर , हरी सिंह पटेल , रामप्रसाद, करण दास , धरम सिंह कंवर बाबूसिंह कंवर , पुरान सिंह कंवर आदि के नेतृत्व में लॉक डाउन के नियमो और सोशल डिस्टैंडिंग का पूर्ण पालन करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया । उर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि भुविस्थापितो और किसानों को उचित राहत देने में केंद्र और राज्य सरकार विफल रही है । कोरोना आपदा के कारण लॉक डाउन में समस्याएं और बढ गयी है प्रवासी मजदूरों के वापसी के बाद ग्रामीण अंचल में भयावह स्थिति बन चुकी है । एसईसीएल सहित अन्य संस्थाएं लॉक डाउन का फायदा उठाते हुए प्रभावितो की मांगों की अनसूना कर बेख़ौफ़ होकर अपनी विस्तार कार्य को अंजाम दे रही है । वहीँ ग्रामीण क्षेत्र में राहत का कार्य आमजनों से दूर है । वहीँ केंद्र सरकार जनता को बेसहारा छोड़ आत्मनिर्भर बनने की बात कर रही है जिसका हमारी संगठन कड़ी आलोचना करती है । और समन्वय समिति के आव्हान का समर्थन देते हुए जिले में विरोध कार्यवाही किया गया है ,50 से ज्यादा स्थानों पर लॉक डाउन के दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए अपने अपने स्तर पर विरोध दर्ज कराई जाएगी । इस विरोध प्रदर्शन में देशव्यापी मांगो के साथ स्थानीय मांगो को शामिल किया गया है जिसमे :-
लॉक डाउन में खदान विस्तार पर रोक लगाने ,भुविस्थापितो की मांग को पहले पूरा करने ट्रांसपोर्टेशन में भुविस्तापितो को 20%कार्य ,स्थानीय बेरोजगारों और भुविस्तापितो को ठेका रोजगार में प्राथमिकता दो, DMF का बंदरबांट बंद कर भुविस्थापित व प्रभावितो पर खर्च करने ,पूर्व में अधिग्रहित जमीन मूल खातेदारों को वापस करने , पुनर्वास ग्रामो को मॉडल बनाओ सारी सुविधाएँ बहाली , सभी ग्रामो में पर्याप्त राशन और भोजन का प्रबंध करने , कृषि कार्यों को मनरेगा से जोड़ने, रबी फसलों, वनोपजों, सब्जियों और दूध को लाभकारी समर्थन मूल्य ,स्वामीनाथन आयोग के सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य, सभी ग्रामीण परिवारों को 10000 रुपये मासिक सहायता ,मुफ्त राशन वितरण में धांधली रोकने, शहरों में फंसे ग्रामीण मजदूरों को सुरक्षित ढंग से उनके गांवों में पहुंचाने खेती-किसानी को हुए नुकसान के लिए प्रति एकड़ 10000 रुपये मुआवजा किसानों से ऋण वसूली स्थगित करना, खरीफ सीजन के लिए बीज, खाद और कीटनाशक मुफ्त में देना, किसानों को बैंकिंग और साहूकारी कर्ज़ से मुक्त करना राशन दुकानों से दैनिक उपभोग की सभी आवश्यक वस्तुओं को सस्ती दरों पर देना, किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 18000 रुपये वार्षिक की जाएं जैसी मांगो सहित अनेक स्थानों में और भी मांगो को सामने रखी गयी है और उन गाँवों में शामिल आंदोलनकारियों से हस्ताक्षरित मांग पत्र लिया गया है जिसे संगठन के द्वारा प्रधानमंत्री को प्रेषित किया जायेगा ।