देवी मंदिरों में जगमगाए मनोकामना ज्योति कलश
कोरबा@M4S:शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि का आगाज आज से हो गया । नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैल पुत्री की पूजा विधि विधान से की गई। नवरात्रि को लेकर शहर व आसपास के मंदिरों को सजाया गया है । समितियों में भी पंडाल को सजाने की होड़ शुरू हो चुकी है। कई पूजा पंडालो में माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई । नवरात्रि के प्रथम दिवस घट स्थापना के साथ मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए ।नवरात्रि को लेकर जिला पुलिस की ओर से भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नवरात्रि की शुरूआत के साथ माँ सर्वमंगला मंदिर , मड़वारानी मंदिर , गायत्री मंदिर , एसईसीएल काली मंदिर , भवानी मंदिर सहित आसपास के मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा आराधना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी रही । वहीं शहर समेत गांवों में आज कलश यात्रा भी निकाली गई।
इस वर्ष मां सर्वमंगला मंदिर में 10,800, रानी गेट दुर्गा मंदिर में 571, दर्री स्थित भवानी मंदिर में 1501, पाली स्थित चैतुरगढ़ मंदिर 4000, महिषासुर मर्दिनी मंदिर में 3000, सर्वेश्वर मंदिर में 501 व बुधवारी स्थित रामजानकी मंदिर में 501 ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए है। दशहरे में दुर्गा की विशाल और आकर्षक प्रतिमा का निर्माण करने के साथ-साथ भव्य और आकर्षक से आकर्षक पंडाल बनाने की होड़ बनी हुई है। शहर में करीब 40 से भी अधिक जगहों में मां दुर्गा विराजमान होंगी। नवरात्रि की शुरुआत 10 अक्टूबर बुधवार से हो चुकी है। इस साल नवरात्रि पूरे 9 दिनों का रहेगा। 18 अक्टूबर को नवमी और 19 को दशहरा मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार 190 साल पहले 9 अक्टूबर 1828 को गुरु तुला राशि में, मंगल मकर राशि में था और मंगल के नक्षत्र चित्रा में नवरात्रि की शुरुआत हुई थी। यह योग 190 सालों के इस साल फिर से बना है। इस बार नवरात्र में द्वितीया और तृतीया जहां एक ही तारीख पर पड़ रही है, वहीं पंचमी तिथि दो दिन रहेगी। यानी तिथियां एक-दो दिन कम ज्यादा जरूर रहेंगी पर नवरात्रि 9 दिनों की ही होगी। इस साल नवरात्र की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में हो रही है जिसे काफी शुभ भी माना जा रहा है। इस साल पंचमी और अष्टमी तिथि भी काफी खास रहने वाली है। दरअसल, पंचमी तिथि पर शनि प्रधान अनुराधा नक्षत्र और आयुष्मान योग का संयोग है। इस दिन अमृत योग भी है। इस दिन माता का शृंगार करना लाभदायक होगा। अष्टमी तिथि 17 तारीख को पड़ेगी। इस दिन सुकर्मा योग और रवि योग है।