कोरबा@M4S: दूसरे राज्यों को बिजली देने वाला छत्तीसगढ़ अंधेरे में है। बिजली कटौती में छत्तीसगढ़ देश में पांचवें स्थान पर है। यह चौंकाने वाला तथ्य केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने राजस्थान से राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब में दिया है। जिस पर सांसद ज्योत्सना महंत ने भी बयान दिया है।
सबसे ज्यादा बिजली कटौती करने वाले पांच राज्यों की बात की जाए तो आंध्र प्रदेश बिजली कटौती के मामले पर पहले स्थान पर है । उसके बाद अरुणाचल प्रदेश, असम और बिहार है। पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ है। कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने इसे राजनीतिक हथकंडा करार दिया है। ज्योत्सना मंहत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती का आंकड़ा काफी कम आया है. जबकि नगरीय क्षेत्र में सुधार दर्ज की गई है।
बिजली कटौती के मामले में छत्तीसगढ़ की तुलना में दिल्ली गुजरात मध्य प्रदेश महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों में कम कटौती हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश हिमाचल प्रदेश राजस्थान कर्नाटक और बिहार से बेहतर स्थिति में है। आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 539.40 औसत घंटे बिजली गुल रही है। वहीं नगरी क्षेत्र के दो हजार अ_ारह उन्नीस के आंकड़ों के मुताबिक 85.17 औसत घंटे बिजली गुल हुई। जबकि 2021-22 में इसमें कमी आई है। इस वर्ष सिर्फ 50.45 घंटे ही गुल रही । बिजली यह जानकारी राजस्थान से राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दी है। उन्होंने बिजली कटौती के बीते 3 वर्षों में कुल घंटों का विवरण राज्यवार मांगा गया था। साथ ही बिजली कटौती के प्रमुख कारण भी पूछे थे। कोरबा सांसद ने साफ तौर पर कहा कि अन्य प्रदेशों को बिजली छत्तीसगढ़ दिया करता है तो आखिर अपने ही इलाकों में बिजली कटौती कैसे संभव है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। यही वजह है कि बिजली कटौती के मामले में छत्तीसगढ़ का नाम आना लाजमी था।
दूसरे राज्यों को बिजली देने वाला छत्तीसगढ़ अंधेरे में,सांसद ने कहा राजनीतिक हथकंडा
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