नई दिल्ली(एजेंसी):सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने देश का पहला टीका ‘निमोसिल’ सोमवार को बाजार में उतार दिया। एसआईआई की टीम के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वर्चुअल माध्यम से इस टीके को लॉन्च किया। इस अवसर पर केंद्रीय हर्षवर्धन ने कहा-यह टीका देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है, यह किफायती और उच्च गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन बच्चों को निमोनिया बीमारी से सुरक्षा प्रदान करेगी।
पुणे स्थित देश की इस सबसे बड़ी टीका उत्पादक कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट किया, ”डॉ. हर्षवर्धन, बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट की बनाई पहली ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन निमोसिल को लॉन्च करने के लिए धन्यवाद। पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन से केवल भारत के ही बच्चों को मदद नहीं मिलेगी, बल्कि यूनिसेफ के जरिये पूरे विश्व के बच्चे इससे लाभान्वित होंगे।”
सबसे किफायती टीका
सीरम इंस्टीट्यूट का दावा है कि उनकी स्वदेशी निमोनिया वैक्सीन दुनियाभर में सबसे किफायती वैक्सीन है। विदेशी टीके बहुत महंगे हैं। निमोनिया की वैक्सीन निमोसिल के एक डोज की कीमत पब्लिक मार्केट के लिए तीन डॉलर यानी करीब 220 रुपये और निजी मार्केट के लिए 10 डॉलर यानी करीब 730 रुपये रखी गई है।
Hon. @drharshvardhan ji, thank you for launching PNEUMONSIL, manufactured by @SerumInstIndia, the first made-in-India vaccine to prevent the disease of Pneumonia in children. Thank you @MoHFW_INDIA @gatesfoundation @PATHtweets and especially @BillGates https://t.co/Tl6c5kDRko
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) December 28, 2020
तीन खुराक जरूरी
भारत में निमोनिया के खिलाफ टीकाकरण के लिए वैक्सीन के तीन खुराक की जरूरत पड़ेगी। यह न्यूमोकॉकस नामक बैक्टीरिया के 10 प्रकारों से सुरक्षा प्रदान करता है, जो बच्चों में निमोनिया, मैनिंजाइटिस, कान और रक्त संक्रमण का कारण बनता है।
क्या है निमोनिया
निमोनिया एक तरह का संक्रमण है जो न्यूमोकॉकस नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। इस तरह के संक्रमण से ज्यादातर मामले में फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। निमोनिया की बीमारी से दुनियाभर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरा बना रहता है। साल 2018 में इस बीमारी की वजह से 67 हजार 800 बच्चों की मौत पांच साल से कम उम्र में हो गई।
कोरोना के लक्षणों से बचाव
कंपनी ने बताया कि निमोनिया कोरोना के गंभीर लक्षणों में से एक है। अभी दुनियाभर में कोरोना की जो वैक्सीन बन रही हैं, उनके टेस्ट छोटे बच्चों पर नहीं किए गए हैं। निमोसिल वैक्सीन बच्चों के लिए एक उम्मीद है।