टोकन लेने जा रहे किसानों को मिल रहा रकबा जीरो 4 साल से बेच रहे हैं धान, जिलाधीश से शिकायत

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कोरबा@M4S: जिले में अब धान खरीदी में तेजी आ गई है। इसके साथ ही किसानों की परेशानी भी सामने आ रही है। केरवाद्वारी के 29 किसानों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर अपनी पीड़ा बताई। उनका कहना था कि 4 साल से धान बेच रहे हैं। सहकारी समिति से खेती करने कर्ज भी लिया है, लेकिन जब टोकन लेने गए तो पता चला कि रकबा जीरो हो गया है। इधर अधिकारियों का कहना है कि सॉफ्टवेयर में रकबा सुधार कराया जा रहा है। 41 सहकारी समितियों के 55 केंद्रों में धान खरीदी चल रही है। इस बार 46511 किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया है, लेकिन शुरुआत से ही सॉफ्टवेयर में रकबा शून्य दिखाने की जानकारी सामने आ रही है।
ग्राम केरवाद्वारी के प्यारेलाल कंवर ने बताया कि वह हर साल 52 क्विंटल धान की बिक्री करता है। समिति से 50 हजार का कर्ज लिया है। टोकन लेने जाने पर पता चला कि रकबा शून्य है। इसी तरह सावन सिंह का 10 एकड़ जमीन है। वह 150 क्विंटल धान की बिक्री करता है। उसका भी रकबा गायब है। गुहाराम ने बताया कि समिति से 65 हजार का कर्ज लिया है। इस कर्ज को पटाने ही धान की बिक्री करते हैं। ऐसे अभी तक 29 किसान सामने आए हैं, जिनका रकबा ही शून्य हो गया है।जिले में अब तक समर्थन मूल्य पर 683 क्विंटल 60 किलो धान की खरीदी हो चुकी है। अभी तक कनकी में 24 क्विंटल 60 किलो, केरवाद्वारी में 220 क्विंटल, चैतमा में 72 क्विंटल 80 किलो, छुरी कला में 120 क्विंटल, निरधि 50 क्विंटल , पसान में 8 क्विंटल 80 किलो , पोड़ी में 68 क्विंटल ,बिंझरा में 68 क्विंटल 80 किलो और लाफा में 50 क्विंटल 40 किलो की खरीदी की गई है।9 नवंबर को 33 किसानों को धान बेचने के लिए 11 केन्द्रों से टोकन जारी किया गया था। इन किसानों से एक हजार 93 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की गई। छुरीकला में 4, बिंझरा में 6, भिलाई बाजार में एक, सुमेधा में एक, कोरबी में एक, निरधि में दो, पाली में 4, लाफा में एक, केरवाद्वारी में 7, नुनेरा में चार और नोनबिर्रा में दो किसानो ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा।

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