जान जोखिम में डालकर गेवरा प्रोजेक्ट में ड्यूटी करने को मजबूर डंपर ऑपरेटर

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डंपर तक जाने की सुविधा नहीं
रिपोर्ट:राजेश साहू
कोरबा@M4S:कोल इंडिया की मिनी रत्न कंपनी एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट के द्वारा उत्पादन बढ़ाने पर जोर तो दिया जा रहा है मगर वहीं पर उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्रमिकों के साथ प्रबंधन की लापरवाही साफ उजागर हो रही है।
जहां पर श्रमिक सामान्य दिनों में अपने डंफर तक पहुंचने के लिए बस में जाया करते थे अब बारिश की वजह से प्रबंधन के पास संपूर्ण संसाधन होते हुए भी श्रमिकों को अपनी जान जोखिम में डालकर प्रबंधन के द्वारा डोजर में बैठा कर डंपर तक पहुंचाया जा रहा हैै। जिससे डंपर ऑपरेटरों के मन में कभी भी अनहोनी और दुर्घटना होने का डर बना हुआ है। प्रबंधन के इस हरकत से डंपर ऑपरेटरों में काफी गुस्सा और नाराजगी देखने को मिल रही है ।कई श्रमिक अपने ड्यूटी स्थल तक पैदल जाने को मजबूर हैं। गेवरा प्रोजेक्ट के अंतर्गत सद्भाव के डंपिंग साइड में बेलाज कंपनी का 150 टन डंपर को खड़े करने के लिए नया पार्किंग बनाया गया है। जहां जहां बरसात होने की वजह से रोड का कहीं अता पता तक नहीं है। एसईसीएल के द्वारा डंफरो के आने जाने के लिए रोड बनाया गया है लेकिन रोड की दुर्दशा और इसकी गुणवत्ता इसी अंदाज़ से लगाया जा सकता है. अब वहां पहुंच पाना मुश्कील है।डंपर ऑपरेटर अपनी जान को जोखिम में डालकर प्रबंधन के दबाव में डरे सहमे किसी भी तरह वहां पहुंच पा रहे हैं।खदान के अंदर दलदल मे बड़ा सा बोल्डर होने के कारण एक डंपर उसमें जा फंसा था। डंपर चालक की जान बाल बाल बची।

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