रायपुर@M4S:फीस के मामले को लेकर आज राजधानी के पालकों ने बाल आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। इस मौके पर आयोग अध्यक्ष प्रभा दुबे ने पालकों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। इससे पूर्व पालकों ने एक स्कूल में जाकर फीस को लेकर दी जा रही धमकी का विरोध किया। यहां पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
कोरोना काल मे स्कूल फीस को लेकर पालकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्कूल संचालकों के अल्टीमेटम के बाद तो पालक और भी गुस्साए हुए हैं। अनेक स्कूलों में तो बच्चों के अभिभावकों को मैसेज भेजकर फीस नहीं जमा करने पर टी सी देने तक की चेतावनी दी जा रही है। इससे गुस्साए लोग सबसे पहले जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर के कार्यालय पहुंचे, मगर वे नहीं मिले। अपनी रणनीति के तहत सभी अभिभावक छात्र-पालक संघ की अगुवाई में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यालय भी गए। यहां अध्यक्ष प्रभा दुबे को ज्ञापन सौंपते हुए पालकों ने बताया कि स्कूल संचालकों ने अखबारों और न्यूज़ पोर्टल में विज्ञापन छपवा कर फीस पटाने के लिए दबाव बनाया, साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि अगर फीस नहीं जमा किया तो उनके बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद की जा सकती है। इसके अलावा प्रबंधक किसी को टी सी देने की धमकी दे रहे हैं तो किसी को बच्चों का रिजल्ट रोकने के लिए कह रहे हैं।
बाल आयोग अध्यक्ष ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करने की बात कही है, साथ ही उन्होंने पालकों से यह भी कहा कि वे शिक्षा का अधिकार कानून के तहत अपनी शिकायत व्यक्तिगत रूप से पुलिस के समक्ष रखें, और अगर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रकरण की शिकायत प्रशासन के साथ ही बाल आयोग के पास प्रस्तुत करें।
रिजल्ट रोका स्कूल प्रबंधन ने, ऑनलाइन पढ़ाई से भी किया वंचित
इससे पूर्व अभिभावक शैलेंद्र नगर स्थित होलीक्रास प्राइमरी स्कूल भी गए। यहां के पालकों की शिकायत थी कि स्कूल प्रबंधन ने अब तक बच्चों का पिछले साल का रिजल्ट नहीं दिया है। वहीं फीस जमा नहीं करने पर बच्चों को स्कूल से बाहर निकालने की धमकी दी जा रही है। यहां पालकों की भीड़ को देखते हुए प्राचार्य ने गेट पर ताला लगवा दिया और पुलिस को सूचना देकर बुलवा लिया। यहां पहुंचे टी आई विनय दुबे ने मामले को समझा और प्राचार्य को चर्चा के लिए बुलाया, मगर प्राचार्य ने खुद को कॉरेन्टीन बताते हुए शिक्षकों को चर्चा के लिए भेज दिया। इस दौरान छात्र-पालक संघ के अध्यक्ष नजरुल खान ने फीस के लिए दबाव बनाने पर विरोध जाताया और कहा कि प्रबंधन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अधिसूचित फीस दिखाए तभी पालक फीस जमा करेंगे। रिजल्ट को लेकर शिक्षकों ने सफाई दी कि परीक्षा के बाद कोरोना की महामारी आ जाने के चलते प्रबंधन ने रिजल्ट जारी नहीं किया। फिलहाल बच्चों को उनके व्हाट्सएप पर रिजल्ट भेजने की बात कही गई है। प्रबंधन ने इस बात के लिए भी आश्वस्त किया है कि किसी भी बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई रोकी नहीं जाएगी। यहां पुलिस ने पालकों और शिक्षकों के बीच मध्यस्थता करके प्रबन्धन को चर्चा के लिए 24 घंटे का समय दिया है।
जबरिया स्कूल फीस को लेकर पालक बाल आयोग की शरण में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करने की मिल रही है धमकी
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