जब तक मांग नहीं होगी पूरी लड़ाई रहेगी जारी – अखलाक सीएए, एनआरसी, एनपीआर कानून वापस लेने की मांग

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कोरबा@M4S:नागरिकता संशोधन कानून सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ राष्ट्रीय जन आन्दोलन के तहत संविधान बचाओ-देश बचाओ आन्दोलन की कड़ी में आज घंटाघर स्थित डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष धरना एवं प्रदर्शन कर इसे वापस लेने की मांग केन्द्र सरकार से की गई। इससे पहले 7 फरवरी को धरना प्रदर्शन किया गया था। अगली कड़ी में 20 फरवरी को प्रात: 11 बजे से विराट रैली एवं प्रदर्शन किया जाएगा।बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात आज प्रारंभ धरना सभा को संबोधित करते हुए सुन्नी मुस्लिम जमात और संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष हाजी अकलाख खान ने कहा कि इस कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सर्व समाज के लोग जनसैलाब की तरह उमड़ रहे हैं और घर से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं भी सड़क पर उतरकर लड़ने के लिए तैयार हो चुकी है। 20 फरवरी को पूर्व सांसद सहारनपुर उत्तर प्रदेश इमरान मसूद और इमरान प्रतापगढ़ी हासिम फिरोजाबादी भी कोरबा आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के इन प्रवक्ताओं के द्वारा संघर्ष समिति के आह्वान पर जुटी आवाम को संबोधित कर यहां की आवाज दिल्ली तक पहुंचाई जाएगी। अकलाख खान ने कहा कि केन्द्र की सरकार भाई-भाई को आपस में लड़ाने का काम न करें और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जो संविधान देश में लागू है वहीं लागू रहेगा और छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक सरकार यह एनआरसी, सीएए, एनपीआर कानून वापस नहीं लेगी तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष व संयुक्त संघर्ष समिति के महासचिव गोपाल ऋषिकर भारती ने कहा कि भाजपा जब से केन्द्र की सत्ता पर काबिज हुई है तभी से देश की एकता व अखंडता के रक्षक के रूप में काम करने वाले भारतीय संविधान के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है। हमें मतभेदों को भुलाकर एकजुटता से लड़ना होगा। उपस्थित श्रमिक नेताओं ने कहा कि यदि सरकार अपने इस कानून को वापस नहीं लेती है तो कोरबा जिले की खदानों से कोयला उत्खनन और परिवहन नहीं होने दिया जाएगा। पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह, माकपा जिला सचिव सपूरन कुलदीप, श्रमिक नेता एम एल रजक,श्रीमती रश्मि सिंह, इमदाद हुसैन खान, रफीक मेमन, शिवनारायण सिंह कंवर,मदन पासवान, संतोष मरकाम, डॉ. हरिनाथ सिंह,मो.युनुस भाई, फारुख मेमन, हाजी मकबूल खान,आजम खान, तनवीर अहमद,इस्माइल कुरैसी, शाहिदा कुरैशी,रश्मि सिंह ,लता बौद्ध, सबीहा अंसारी, मालती दिनेश आदि ने भी अपने विचार रखे व इस कानून को सिरे से खारिज करने की जरूरत बताई। सभा के अंत में पुलवामा हमले के शहीद जवानों को मोमबत्ती जलाकर संघर्ष समिति के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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