खदान विस्तार के खिलाफ लामबंद हुए ग्रामीण मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

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कोरबा@m4s: एसईसीएल कुसमुंडा खदान विस्तार से महज 200 मीटर दूरी पर बसे जटराज के ग्रामीणों के सामने गंभीर संकट की स्थिति निर्मित है। प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि खदान विस्तार घरों की तरफ किए जाने की तैयारी चल रही है। खदान विस्तार से उनका जीवन यापन कैसे होगा इस बात से वे चिंतित हैं। उनका कहना है कि जब तक पुर्नविस्थापन , मुआवजा व रोजगार की व्यवस्था नहीं हो जाती विस्तार का विरोध कर रहे हैं। समस्याओं के निराकरण किए बगैर खदान विस्तार कार्य किए जाने पर उन्होंने मजबूरन खदानबंदी के लिए बाध्य होने की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बिना पुनर्वास तथा उचित मुआवजा दर बताए सर्वे और अधिग्रहण के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिसे लेकर प्रभावित परिवारों ने कलेक्टर जनचौपाल में पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई है। ग्राम जटराज ऊपरपारा निवासी मंगलवार को कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अपना शिकायती पत्र भी सौंपा है। जिसके मुताबिक कुसमुंडा परियोजना हेतु ग्राम जटराज का अर्जन किया जा चुका है। खदान का संचालन गांव से महज 200 मीटर की दूरी पर हो रहा है। जिसके कारण उनका जीवन संकटमय हो गया है। निवास के नजदीक खदान संचालन होने से भूजल स्तर अत्यंत नीचे चला गया है। कुआं बरसात में तीन चार माह भरे रहते हैं। इसके बाद सूख जाने से निस्तारी का गंभीर संकट पैदा हो जाता है। खदान के हैवी ब्लास्टिंग से मकान क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। मकानों में जगह-जगह दरारें पड़ रही है। अधिकांश घरों के छप्पर बरसात में टपकने लगते हैं। कभी भी मकान ढह सकता है। खदान के उडऩे वाले धूल से पूरा गांव परेशान है। स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। खदान में चलने वाली बड़ी-बड़ी वाहनों की आवाज से शोर बना रहता है। जिससे रहवासी परेशान है ही बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल तथा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बिना पुनर्वास स्थल और उचित मुआवजा दर बताए बगैर परिसंपत्तियों का सर्वे और भूअर्जन के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। जिसे लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से समस्या निदान की मांग की है।

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