कोरबा@M4S:भूविस्थापितों को कोल ट्रांसपोर्टेशन वर्क (कोयला लदान एवं परिवहन कार्य) सहित अन्य कार्यो के निविदा में 20% आरक्षण देने और एसईसीएल द्वारा जारी किये ई टेंडर को निरस्त करने की मामले में आज सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने एसईसीएल से दो हफ्ते में अपना जवाब प्रस्तुत करने की नोटिस जारी किया है ।
कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सराईपाली ओपन कास्ट परियोजना में कोयला लदान परिवहन और अन्य 20 प्रतिशत कार्य स्थानीय भूविस्थापितों के सोसाइटी के माध्यम से कराये जाने के निर्णय को नजरअंदाज कर ई टेंडर करने के विरुद्ध भुविस्थापित कामगार सहकारी समिति बुडबूड़ पाली के माध्यम से अधिवक्ता संजय अग्रवाल के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है जिसकी आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज चीफ जस्टिस मेनन एवं के के साहू के डबल बेंच ने एसईसीएल को फटकार लगाते हुए पूछा है कि 1200 खातेदारों में 301 को नौकरी के बाद बाकी बेरोजगारों को वैकल्पिक रोजगार क्यों नहीं दिया जायेगा, बिलासपुर उच्च न्यायलय ने कहा है कि फंक्शनल डायरेक्टर्स के निर्णय कों लागू करने में आनाकानी क्यों किया जा रहा है । एसईसीएल को कहा गया है कि 15 दिवस के अंदर जवाब प्रस्तुत करें तब तक टेंडर की प्रक्रिया की स्थिति यथावत रहेगी । लॉक डाउन के कारण सुनवाई की प्रक्रिया वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूरी हुई ।
गौरतलब है कि एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सराईपाली बूड़बुड खुली खदान को शुरू करने के लिए प्रबंधन लगातार प्रयास कर रही है और विगत 26 मई को ई टेंडर जारी किया गया है । जिसके खिलाफ भुविस्थापितो ने मोर्चा खोल दिया है और 14 जून से खदान के मुख्यद्वार पर ताला जड़कर और झोंपड़ी बनाकर आंदोलन पर बैठे हुए हैं । उनकी मांग है कि फंक्शनल डायरेक्टर्स के निर्णय को लागू करते हुए 20 प्रतिशत कार्य भुविस्थापित सोसाइटी को दिया जाए अन्यथा खदान को किसी भी सूरत में चालू नहीं होने दिया जायेगा ।
20 जून को जिले के चारो परियोजना मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जायेगा – कुलदीप
ऊर्जाधानी भूविस्थापत किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा है कि 2010 में कोल इंडिया के गाइड लाइन के अनुसार 30 मई 2018 को एसईसीएल की फंक्शनल डायरेक्टर्स की बोर्ड ने सराईपाली खुली खदान परियोजना से स्थानीय भुविस्थापितो को कोयला लदान एवं परिवहन कार्य में 20 प्रतिशत कार्य आबंटित किया जायेगा किन्तु अब खुला ई टेंडर जारी कर भुविस्थापितों को दिए गए अधिकार से वंचित कर दिया गया है जिसके खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है जिसका विस्तार करते हुए जिले के सभी क्षेत्रीय मुख्यालय में 20 जून को एक साथ प्रदर्शन कर खदान बंद करने का नोटिस दिया जायेगा ।