कोरबा@M4S:पूरे देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पी एम के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लगाया गया, मुस्तैदी की उस वक्त पोल खुल गई जब ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नया बस स्टैंड ट्रेन के माध्यम से कोरबा पहुंचे हैदराबाद से कुछ छात्र-छात्राएं,बस सेवा बंद रहने से भटकते दिखाई दिए,पुलिस के अनुसार उनकी जांच कोरबा रेलवे स्टेशन में पहुंचने पर हो चुकी है, जब इसकी जानकारी मीडिया द्वारा डायल 112 को दी गई तो CORONA HELPLINE 104 से बात कराई गई,104 ने जिले के दो नोडल अधिकारी डॉ कुमार पुष्पेश का नंबर दिया गया,दोनों नंबर पर कॉल किया गया लेकिन दोनों ही नंबर जिम्मेदार अधिकारियो की मोबाइल की घंटी बजती रही कॉल रिसीव ही नहीं किया और ना ही बाद में कॉल बैक किया गया,सी एम एच ओ साहब को जानकारी देने कॉल किया गया सो डॉ.बी बी बोडे ने सुबह सुबह कॉल कर रहे हो बोले,फिर कहा गया साहब नोडल अधिकारी कॉल नहीं उठा रहे है,इमरजेंसी होने पर आपको लगाया गया है,नोडल अधिकारी कॉल नहीं उठा रहे बताया तो उनको बोलता हु कहे,इधर 104 को दुबारा कॉल कर जानकारी लेनी चाही तो जिले के नोडल अधिकारी का नंबर ही उनके द्वारा दी जा रही है,उनके कॉल को भी नोडल अधिकारी नहीं उठाने पर 104 स्टाफ ने माफ़ी तक मांग ली,कलेक्टर और एस पी को भी कॉल लगाया गया कॉल रिसीव नहीं हुआ,कोरबा सी एस पी राहुल देव शर्मा को ये जानकारी दी गई तो उन्होंने सभी बच्चो को बनारस गड़वा भेजने की व्यवस्था की गई,
ये कैसा हेल्प लाइन
बड़ा सवाल जिन अधिकारी को कॉल लगाया गया ऐसे समय पर कॉल जिस समय लगाया गया उस समय कोई जरुरी कार्य में व्यस्थ रहे हो, नोडल अधिकारी जिसे जिले की जिम्मेदारी दी गई बार बार कॉल लगाने के बाद भी कॉल बैक करना तक मुनासिब नहीं समझते,यहां तक हेल्प लाइन 104 से भी कॉल लगाया गया तो कॉल रिसीव नहीं किया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की जिले के नोडल अधिकारी जिले के और लोगो का कॉल कितना रिसीव करते होंगे
कोरोना से कैसे निपटेंगे जब 104 हेल्पलाइन का भी कॉल रिसीव नहीं करते नोडल अधिकारी
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