कोरबा जिले में कोरोना से मृत्यु दर केवल एक प्रतिशत, रिकव्हरी रेट लगभग 70 प्रतिशत

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स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी और बेहतर प्रबंधन से मरीज जीत रहे कोरोना की लड़ाई
कोरबा@M4S:कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बढ़ते कोरोना मरीजों के साथ कोरोना के कारण होने वाली मौतों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बीच कोरबा जिले के लिए राहत भरी बात उभरकर सामने आ रही है। जिले में कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौत दूसरे जिलों की तुलना में बहुत कम है। कोरबा जिले में कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर केवल एक प्रतिशत है। कोरोना संक्रमण के शुरूआती चरणों में प्रदेश के कोरोना हाटस्पाट जिला के रूप में पहचाने जाने वाले कोरबा जिले में संक्रमितों के स्वस्थ्य होने की दर 70 प्रतिशत से अधिक है। कलेक्टर किरण कौशल के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में जिले के कोरोना मरीजों के लिए लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी विस्तार किया गया हेै। बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वास्थ्य विभाग की सर्तकता और गंभीरता के कारण आज तक कुल 27 हजार 472 कोरोना मरीजों में से केवल 301 मरीजों की मौत कोरोना के कारण हुई है। पर्याप्त स्वास्थ्य संसाधनों तथा कुशल मेडिकल टीम की सजगता के कारण जिले के लगभग 20 हजार मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर अपने घर लौट चुके हेैं।
      जिले में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तथा पाजिटिव मरीज के संपर्क में आये लोगों को ट्रेस करने के लिए एक्टिव सर्विलेंस टीमों का भी गठन किया गया है। इस टीम के द्वारा 24 घंटे के भीतर पाजिटिव मरीजों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाकर उनका स्वास्थ्य जांच भी करवाया जा रहा है। समय रहते कांटेक्ट ट्रेसिंग होने से कोरोना का संक्रमण ज्यादा लोगों में फैलने से रूक जाता है। संपर्क में आए लोगांे के कोरोना टेस्ट के उपरांत पाजिटिव पाए जाने पर तत्काल उनका ईलाज शुरू कर दिया जाता है।
    कलेक्टर श्रीमती कौशल के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए जिले में करीब दो हजार बिस्तर क्षमता के अस्पताल कार्यशील हैं। जिले के ईएसआईसी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, सीपेट कोविड केयर सेंटर सहित जिला प्रशासन द्वारा अधिग्रहित और निजी कुल 13 अस्पतालों में कोविड मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। जिले के मरीजों के ईलाज के लिए कोविड अस्पतालों में आक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में भर्ती गंभीर कोविड मरीजों को आईसीयू और वेंटीलेटर की भी सुविधा मिल रही है। कोविड अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों के साथ सभी स्वास्थ्य संसाधन मौजूद हैं, जिसके कारण मरीजों का पूरा ईलाज जिले में ही हो जा रहा हेै। अति गंभीर स्थिति वाले मरीजों को एम्स, मेडिकल कालेज अस्पताल रायपुर जैसे उच्च कोविड अस्पतालों में समय रहते रिफर किया जाता है। समय रहते उचित ईलाज मिल जाने से मरीज की जान बच जाती है।
      कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जरूरतमंद कोविड मरीजों को सही समय में आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए भी कड़े इंतजाम किये हैं। जिले में आक्सीजन उत्पादन को बढ़ाने और सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने आक्सीजन मानीटरिंग टीम का गठन भी किया गया है। जिले में वर्तमान में तीन आक्सीजन उत्पादक इकाईयों द्वारा जरूरत से दोगुनी आक्सीजन बनाई जा रही है। पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर उपलब्ध हैं। आने वाले तीन-चार दिनों में सीपेट के कोविड केयर अस्पताल में सेंट्रल आक्सीजन वितरण प्रणाली की स्थापना से चार सौ आक्सीजन युक्त बिस्तर भी बढ़ जायेंगे।
     जिले में बिना लक्षण और कम लक्षण वाले कोविड मरीजों का ईलाज होम आईसोलेशन के द्वारा घर पर ही रखकर किया जा रहा है। होम आईसोलेटेड मरीजों को तत्काल दवाईयों का किट प्रदान किया जा रहा है जिससे शुरूआती लक्षण जल्दी से ठीक हो जा रहे हैं और मरीज होम आईसोलेशन में ही स्वस्थ्य हो रहे हैं। होम आईसोलेटेड मरीजों की निगरानी के लिए 24 घंटे चलने वाले होम आईसोलेशन कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर मरीज संपर्क कर स्वास्थ्य सलाह ले सकते हैं। कंट्रोल रूम में किसी भी मरीज का काॅल आने पर तुरंत उनकी समस्याएं सुनी जा रही है और उनके स्वास्थ्यगत समस्याओं पर तत्काल सुझाव भी दिया जा रहा है। आवश्यकता होने पर होम आईसोलेटेड मरीजों को कोविड अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। समय रहते होमआईसोलेटेड मरीज को ईलाज मिल जाने से  मरीज को गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है।

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