कोरबा@M4S; कोरबा जिले में छोटे किसानों और भूमिहीन कृषि मजदूरी के आधार पर जारी चार हजार 128 राशन कार्डो का सत्यापन अगले दस दिनों में किया जायेगा। जिले में छत्तीसगढ़ खाद्य पोषण सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूर, सीमान्त एवं लघु कृषकों को प्राथमिकता राशनकार्ड जारी किया गया है। खरीफ वर्ष 2019-20 में किसान पंजीयन में प्राप्त किए गए आधार नंबर तथा राशनकार्ड डेटाबेस से मिलान करने पर स्पष्ट हुआ है कि भूमिहीन कृषि मजदूर, सीमांत कृषक एवं लघु कृषक राशनकार्ड धारियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय की निर्धारित पात्रता से अधिक भूमि व रकबा का पंजीयन कराया जाकर धान विक्रय किया गया है। ऐसे राशनकार्ड धारियों का सत्यापन किए जाने हेतु ग्राम पंचायतवार व निकायवार सत्यापन दल का गठन किया गया है।
जिले में भूमिहीन कृषि मजदूर के आधार पर तीन हजार 426, सीमांत कृषक के आधार पर 677 और लघु कृषक के आधार पर जारी 25 प्राथमिकता के राशन कार्डो का सत्यापन किया जाना है । भूिमहीन कृषि मजदूर के आधार पर पांचो नगरीय निकायों में 845 और ग्रामीण क्षेत्रों में कटघोरा विकास खंड में 418, पाली विकासखण्ड में 772, कोरबा विकासखण्ड में 522, करतला विकासखण्ड में 573 और पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड मे 296 जारी राशनकार्डों का सत्यापन होगा। इसी प्रकार सीमांत किसानों के आधार पर पांचो नगरीय निकायों में 19, ग्रामीण क्षेत्रों के कटघोरा विकासखण्ड में 53, पाली विकासखण्ड में 113, कोरबा विकासखण्ड मंे 64, करतला विकासखण्ड में 387 और पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में जारी 41 राशनकार्डों का भी सत्यापन अगले दस दिनों मेे होगा। लघु कृषक के आधार पर कोरबा नगर निगम क्षेत्र में जारी 14, दीपका नगर पालिका क्षेत्र में जारी दो, पाली विकासखण्ड में जारी एक और करतला विकासखण्ड में जारी आठ राशनकार्डों की भी जांच कर सत्यापन किया जायेगा। इन सभी राशनकार्ड धारकों ने खरीफ वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिये निर्धारित पात्रता से अधिक रकबे-भूमि का पंजीयन कराकर धान बेचा था। कार्ड धारकों के वास्तविक रकबे-भूमि के सत्यापन के लिये हल्का पटवारी के नेतृत्व में दल गठित किये गये हैं। राशनकार्ड धारकों के परीक्षण के बाद परिवारों की पात्रता-अपात्रता और किसान पंजीयन में रकबा संशोधन की अनुशंसा सत्यापन दल द्वारा की जायेगी।
कोरबा जिले के चार हजार से अधिक राशन कार्डो का होगा सत्यापन छोटे किसान और भूमिहीन मजदूर आधार पर जारी हुए राशनकार्ड, पर धान बेचने कराया ज्यादा रकबे का पंजीयन
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