केन्द्र व राज्य मिलकर करें बिहार का विकास: पीएम मोदी

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छाकिया/हाजीपुर(एजेंसी):बिहार के विकास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुर शनिवार को एक रहे। प्रधानमंत्री बिहार चुनाव के बाद पहली बार एक दिन के बिहार दौरे पर आए। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के बगैर भारत विकसित देश नहीं बन सकता। भारत का भाग्यबदलने के लिए पहले बिहार का भाग्य बदलना होगा। बिहार के विकास के लिए केन्द्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा। श्री मोदी ने भरोसा भी दिया कि केन्द्र सरकार बिहार के विकास में हरसंभव सहयोग करेगी। श्री मोदी शनिवार को यहां राघोपुर दियारा के छौंकिया (हाजीपुर) में पूर्व मध्य रेलवे के बड़े समारोह में बोल रहे थे।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दीघा-सोनपुर और मुंगेर रेल सह सड़क पुल का लोकार्पण किया, साथ ही मोकामा में राजेन्द्र पुल के समांतर दूसरी रेल पुल का शिलान्यास कर बिहार को तीन महत्वपूर्ण सौगातें दीं। दियारा की रेतीली हवा के बीच अपने 22 मिनट के भाषण में श्री मोदी ने पूर्वी भारत को देश के विकास का केन्द्र बिन्दू (नर्व्ज सेंटर) बताया और कहा कि बिहार समेत इस क्षेत्र का विकास जितनी तेजी से होगा, देश उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेगा। यह भी कहा कि सत्ता संभालने के बाद पिछले18 माह से बिहार उनकी प्राथमिकता में रहा है।

नीतीश की तारीफ की : प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार की यह कहते हुए तारीफ की कि गांवों में बिजली पहुंचाने की योजना को गति देने में पूरा सहयोग के लिए मैं उनका आभारी हूं। केन्द्र-राज्य तय कर लें तो बिहार गांवों में सबसे पहले बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा करने वाला गौरवशाली राज्य बनेगा। कहा कि 1000 दिन में 18000 गांवों के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 6000 गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।

कांग्रेस-लालू पर परोक्ष प्रहार : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अटलजी प्रधानमंत्री थे और नीतीशजी रेल मंत्री थे, तब का यह सपना (दीघा और मुंगेर रेल सह सड़क पुल) अब जाकर पूरा हुआ है। नाम लिए बिना केन्द्र की पिछली कांग्रेस सरकार और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद पर निशाना साधा कि 10 साल में बिहार की उपेक्षा हुई। रूटीन बजट से की राशि दी जाती तो 5-7 साल पहले ये योजनाएं पूरी हो जातीं। देर के चलते ही 600 करोड़ की योजना 3000 करोड़ की हो गई।

नीतीश की पीएम से अपेक्षा : मुख्यमंत्री ने अपने 7 मिनट के भाषण में बिहार के विकास को केन्द्र में रखा। कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार प्रधानमंत्री के बिहार आने से लोगों की उम्मीद बढ़ गई है। वह बिहार की तरक्की के लिए बार-बार यहां आते रहें। उन्होंने जब कहा कि केन्द्र और राज्य मिलकर बिहार के विकास की गाड़ी आगे बढ़ाएं तो वहां मौजूद ने जमकर तालियां बजाई।

गांधी सेतु के जर्जर हाल का जिक्र करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। भरोसा है कि इसके लिए वह योजना मंजूर करेगी। खुशी के इस मौके पर वह और कुछ नहीं कहना चाहते। पांच बार संसद में मुझे मौकामा के प्रतिनिधित्व का मौका मिला। यहां समानांतर पुल बनने से व्यक्तिगत खुशी भी होगी। जब वह रेल मंत्री थे तो सोनपुर-दीघा रेल पुल योजना शुरू हुई थी। मेरे रेल मंत्री रहते अपने जन्मदिन पर अटलजी ने मुंगेर रेल पुल की घोषणा की थी।

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