कोरबा@M4S:यदि आपके आस पास, घर-पड़ोस में देश के अन्य प्रान्तों या अन्य जिलों से कोई भी व्यक्ति कोरबा आया हो तो उसकी जानकारी जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को फोन नंबर 07759-224827 और 228548 पर देवें। कलेक्टर किरण कौशल ने जिले में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों और लोगों से कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील जिला वासियों से की है। कोरबा जिले में बाहर कहीं से भी आने वाले किसी भी श्रमिक, विद्यार्थी, तीर्थ यात्री, पर्यटक या अन्य किसी भी कारण से आने वाले लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया गया है। रेलों, बसों, पैदल या किसी भी तरीके से बाहर से आने वाले सभी लोगों को 14 दिनों तक प्रशासन द्वारा बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जायेगा। ऐसे लोगों की जानकारी छुपाने और उनसे कोरोना संक्रमण होने पर संबंधित लोगों के विरूद्ध प्रशासन द्वारा महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही भी की जा सकेगी। अन्य जिलों में बाहर से आये प्रवासी मजदूरों और लोगों में से जांच के दौरान कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान होने के बाद कलेक्टर कौशल ने कोरबा जिले के लिए ऐसी व्यवस्था की है।
इस बारे में कलेक्टर किरण कौशल ने आज अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेकर जरूरी निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को सीधे उनके घर जाने से रोककर 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि जिला वासियों में कोरोना संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उनकी बेहतरी के लिए ही यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से बाहर से आये लोगों का सीधे घर न जाकर 14 दिन अलग क्वारेंटाइन सेंटर में रहने से उनके परिजनों के साथ-साथ आसपास के लोगों में भी कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा। कौशल ने बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों और अन्य किसी कारणों से बाहर गये लोगों के कोरबा जिले में वापस लौटकर सीधे अपने-अपने घर पहुंच जाने से ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका है। कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि कोरोना को जिले में फैलने से रोकने के लिए बाहर से आये किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को देवें। कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने संस्थागत क्वारेंटाइन की पूरी व्यवस्थाएं कर ली है। जिले में ग्रामीण और शहरी इलाको को मिलाकर अब तक 111 क्वारेंटाइन सेंटरों में साढ़े सात हजार लोगों के 14 दिनों तक रूकने के लिए भोजन, साफ-सफाई, शौचालय, स्नानागार, पंखे, सुरक्षा के साथ-साथ मेडिकल चेकअप और सामान्य ईलाज की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा चुकी है। कौशल ने बताया कि इन क्वारेंटाईन सेंटरों में अभी तक अन्य राज्यों एवं जिलों से आये एक हजार से अधिक लोगों को रखा गया है।
कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले उच्च एवं मध्यम वर्गीय लोगों के लिए उनकी मांग पर पेड क्वारेंटाइन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की है। शहरी क्षेत्रों में नौ विभिन्न होटलों-लाॅजों में बनाये गये पेड क्वारेंटाइन सेंटरों में अभी 84 लोगों को रखा गया है। प्रशासन द्वारा होटल संचालकों की सहमति से निर्धारित की गई रियायती दर में ठहरने के साथ-साथ सुबह-शाम नाश्ता और दोपहर तथा रात का शाकाहारी भोजन शामिल किया गया है। पेड क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा किसी भी अतिरिक्त सुविधा के लिए होटल संचालकों को अतिरिक्त शुल्क अदा करना होगा। कलेक्टर ने यह भी बताया कि बाहर से आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा आइसोलेशन की व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले बुजुर्गों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं जिन्हे कोरोना से बचाव के साथ-साथ अन्य परेशानियों के लिए भी अतिरिक्त चिकित्सा एवं देखरेख की जरूरत है, ऐसे सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा बालाजी ट्रामा सेंटर में आइसोलेशन में रखे जाने की व्यवस्थाएं कर ली गई है। कलेक्टर ने जिला वासियों से अपील की है कि उनके घर-परिवार, रिश्तेदारों या आस-पड़ोस में कहीं भी बाहर से आने वाले लोगों को जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी किये गये दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा और ऐसे सभी लोगों की सूचना वे प्रशासन को समय पर देवें ताकि सभी के सहयोग से जिले में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।
कलेक्टर की अपील: आस पड़ोस में बाहर से कोई आया हो तो प्रशासन को दें सूचना बाहर से आने वालों को 14 दिन तक रहना होगा संस्थागत क्वारेंटाइन में एक सौ ग्यारह सेंटरों में जिला प्रशासन की तैयारियां पूरी, जानकारी छुपाने पर हो सकेगी कार्यवाही
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