मुआवजा व दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सहकर्मियों ने किया प्रदर्शन , 440 मेगावाट संयंत्र में हुआ हादसा
कोरबा@M4S:छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा पूर्व के 440 मेगावाट संयंत्र में आज सुबह कनवेयर बेल्ट साफ-सफाई के दौरान एक ठेका कर्मी इसमें फंस गया। आनन-फानन में उसे उपचार के लिए न्यू कोरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। कर्मचारी की मौत से गुस्साए सहकर्मियों ने मुआवजा और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर संयंत्र गेट के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसके मद्देनजर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे।
जानकारी के अनुसार बालको थाना अंतर्गत ग्राम गोढ़ी निवासी निलेश पाठस्कर 40 वर्ष सीएसईबी कोरबा पूर्व के 440 मेगावाट संयंत्र में बतौर ठेका कर्मी के रूप में पदस्थ था। आज सुबह की पाली में वह ड्यूटी पर गया हुआ था। सहकर्मियों के साथ निलेश प्लांट के कनवेयर बेल्ट की सफाई कर रहा था। बताया जाता है कि इस दौरान कनवेयर बेल्ट चालू था। जिसके कारण निलेश का हाथ कनवेश्यर बेल्ट में फंस गया। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए आनन फानन में कोसाबाड़ी स्थित न्यू कोरबा हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हेा गई। उसकी मौत से गुस्साए सहकर्मियेां ने प्लांट गेट के सामने मुआवजा व दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। जिसे लेकर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। अधिकारी प्रदर्शनकारी कमियों को समझाईश देने में जुटे हुए थे।
20 लाख मुआवजा की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
संयंत्र गेट के सामने धरने पर बैठे कामगरों ने हादसे में मृत श्रमिक के परिजनों को 20 लाख मुआवजा प्रदान करने की मांग की है। भारतीय जनता युवा मोर्चा और इंटक ने भी ज्ञापन सौंप कर मुआवजा और जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्लांट गेट के सामने आक्रोशित मजदूरों के अलावा विभिन्न संगठन के पदाधिकारी व नेता भी मौजूद थे । जिनके साथ चर्चा का दौर चल रहा है।
दहशत से बेहोश हुआ सहकर्मी
घटना के दौरान निलेश पाठस्कर का हाथ कनवेयर बेल्ट में फंस गया। इस घटना को अपनी आंखों से देखने वाले पास काम कर रहे सहकर्मी दिलेश्वर यादव ने अपनी सुधबुध खो दी। घटना के बाद वह मारे दहशत के बेहोश हो गया। घायल निलेश के साथ उसे भी न्यू कोरबा अस्पताल में भर्ती कराय गया है। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि हादसा कितना दर्दनाक रहा होगा।
इस घटना ने औद्योगिक सुरक्षा के उपायों की पोल खोल कर रख दी है,औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम घटना के ४ घंटे बाद भी मौके की जांच करने नहीं पहुंची है।