समस्याग्रस्त ग्रामीणों के साथ बैठक कर आंदोलन की रणनीति की रूपरेखा तैयार किया जा रहा है
कोरबा@M4S:कोयला उद्योग सहित जिले के दूसरे आद्योगिक क्षेत्रों के साथ साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में व्याप्त समस्याओ के निराकरण के लिए संगठित आंदोलन विकसित करने ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा ग्राम चौपाल कार्यक्रम शुरू किया है । ग्राम चौपाल के माध्यम से गांव गांव में ग्रामीण और किसानों के साथ बैठक आयोजित किया जा रहा है ।
इस सबन्ध में जानकारी देते हुए संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि पिछले साल से ही ग्राम चौपाल शुरू करने का निर्णय लिया गया था किंतु कोरोना महामारी के कारण इस दिशा में पहल नही किया जा सका था । आमजनों की समस्याएं सरकारी घोषणाओं की कागजी कार्यवाही तक सीमित रह जाती है और लोंगो को केवल आश्वसन का झुनझुना थमा दिया जाता है लोक सुराज , जनदर्शन कार्यक्रम के बहाने जनता के गुस्से को शांत करने के अलावे इसका कोई लाभ नही मिल रहा है । ग्राम चौपाल में लोंगो को जागरूक किया जा रहा है शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और उनकी समस्याएं सुनी जा रही है और उसको लेकर आंदोलन की रणनीति पर भी संगठित होने का आव्हान किया जा रहा है । जिले के हर ब्लाक स्तर पर वृहद विरोध कार्यवाही करने की तैयारी है । उन्होंने बताया कि कोयला खदानों के आसपास प्रभावित गांवों में जहां रोजगार मुआवजा और बसाहट से संबंधित समस्याएं है वही इस क्षेत्र सहित दूसरे गांव में राजस्व सबंधित मामले को लेकर ग्रामीणों में शासन व प्रशासन के उदासीन रवय्ये के प्रति गहरा आक्रोश है ,दप्तरो में व्याप्त रिश्वतखोरी दलाली के कारण लोंगो को अपने कामो के लिये भटकना पड़ रहा है ।
ग्राम चौपाल में प्रमुख रूप से जिन समस्याओ का उल्लेख आया है उसमें राजस्व सबंधी फौती, नामांतरण बंटाकन , मिसल, कृषि संकट बीज खाद , किसान एवं भूमिहीन किसान सम्मान निधि , मनरेगा में व्याप्त धांधली , बकाया मजदूरी, वनभमि कब्जे का पट्टा, प्रधानमंत्री आवास योजना , असंगठित मजदूरों को मिलने वाली सुविधा , स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का शोषण, जंगली एवं आवारा मवेशियों के कारण उतपन्न समस्याङद्दों पर न्याय नही मिलने के बात सामने आई है । ऊर्जाधानी सन्गठन की ओर से कहा गया है विस्थापन की समस्याओ के साथ ही अब किसान परिवारों की समस्याओ को भी प्रमुखता के साथ संगठित आंदोलन के जरिये लोंगो को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाएगा ।