उत्पादन बढ़ाने मेगा परियोजनाओं का कोयला मंत्री लिया जायजा अधिकारियों की ली बैठक, उत्पादन व उठाव में पीछे है एसईसीएल

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कोरबा@M4S एसईसीएल की मेगा परियोजनाएं लक्ष्य से पीछे चल रही है। देशभर में पैदा हुए कोयला संकट के हालात को देखते हुए मेगा परियोजनाओं से उत्पादन बढ़ाने की मंशा से कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी बुधवार को जिला प्रवास पर रहे । इस दौरान उन्होंने गेवरा, दीपका , कुसमुंडा खदानों का जायजा लिया। खदानों के निरीक्षण उपरांत उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने कोयला उत्पादन व उठाव बढ़ाने के निर्देश दिए।
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी का बुधवार को जिले में प्रवास हुआ। वे एसईसीएल की अधिकतम कोयला उत्पादन करने वाली गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों को देखने के लिए सड़क मार्ग से पहुंचे। एसईसीएल के अधिकारियों ने गेवरा हाउस पर उनकी अगवानी की। इसके बाद मंत्री अपने कार्यक्रम के लिए रवाना हो गये। दरअसल पिछले कुछ दिनों से इस तरह का माहौल बन रहा था कि कोयला कंपनियों के द्वारा बिजली घरों को उनकी जरूरत के अनुरूप कोयला की आपूर्ति नहीं की जा रही है। खबरों में यह भी कहा जा रहा था कि छत्तीसगढ़ सहित देश के अनेक बिजली घरों के पर कुछ ही दिन का कोयला बचा हुआ है। जल्द ही आपूर्ति सामान्य नहीं की गई तो उत्पादन पर बेजा असर पड़ सकता है और इसके कारण बड़े हिस्से में अंधकार हो सकता है। इस तरह की खबरों पर सरकार का चौकना और चिंतित होना लाजिमी था। इसलिए आनन-फानन में कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी का कोरबा जिले में दौरा हुआ जहां पर एसईसीएल के लिए सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाली कोयला खदान मौजूद हैं। जोशी ने अपने दौरे के अंतर्गत गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों का जायजा लेने के साथ इस बारे में जानकारी लेना तय किया है। वर्तमान में हो रहे उत्पादन की जानकारी उनके द्वारा अधिकारियों से हासिल की जानी है। इसी के साथ समीक्षा की जाएगी कि जितनी मात्रा में उत्पादन हो रहा है, उसके हिसाब से बिजली घरों को उनकी मांग के सापेक्ष कितना कोयला दिया जा रहा है। कोयला मंत्री अपने दौरे के अंतर्गत खदानों के विस्तार की प्रगति और इस काम में आ रही अड़चनों को भी जानने के साथ समाधान खोजने का प्रयास किया। इससे पहले केंद्र सरकार के कोल मंत्रालय के संयुक्त सचिव का दौरा इसी सिलसिले में हो चुका है।

बिजली उत्पादन के लिए नहीं होगी कोयले की कमी-प्रहलाद जोशी
गेवरा पहुंचने से पहले बिलासा एयरपोर्ट पर पत्रकारों से हुई चर्चा में कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के द्वारा स्पष्ट किया गया कि बिजली घरों को उनकी जरूरत के हिसाब से वर्तमान में 1.9 मिलियन टन कोयला दिया जा रहा है। जबकि वर्तमान में मांग 1.1 मिलियन टन की है। 20 अक्टूबर से इस आपूर्ति को बढ़ाकर 2 मिलियन टन किया जाना है। प्राथमिकता के साथ आज से ही इसे घोषित कर दिया गया है। साफ किया गया कि बिजली घरों से उत्पादन के मामले में कोयला किसी भी तरह से बाधा नहीं बनेगा, यह राजनीति का मुद्दा भी नहीं है। जरूरत के अनुसार कोयला बिजली घरों को उपलब्ध कराया जाए, यह कोल मंत्रालय सुनिश्चित कर रहा है। कोयला मंत्री ने यह भी कहा कि पावर सेक्टर से संबंधित जो चिंता हमारे संज्ञान में आई है उसे हर हाल में दूर किया जाएगा। मंत्री के दौरे में एसईसीएल के सीएमडी सहित कई निदेशक और स्थानीय सीजीएम शामिल रहे।
खदान में उतरे भूविस्थापित
कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात के लिए वक्त मांगने पहुंचे भूविस्थापितों को तवज्जों नहीं दिए जाने से वे भड़क उठे। उन्होंने खदान में उतरकर काम प्रभावित कर दिया। दीपका परियोजना अंतर्गत ग्राम मलगांव फेस में भूविस्थापितों का आंदोलन जारी है। अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे भूविस्थापित भी कोयला मंत्री से मिलकर अपनी समस्या उन्हें बताना चाह रहे थे। जिसे लेकर अधिकारियों से मुलाकात की मंशा जताई मुलाकात के लिए वक्त नहीं दिए जाने पर आक्रोशित महिलाओं ने धरना स्थल से उतरकर खदान से काम बंद करा दिया।
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सड़क मार्ग से पहुंचे कोरबा
देशभर में विद्युत संयंत्रों में चल रहे कोयला संकट के बीच केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी कोरबा प्रवास पर रहे। वे सुबह 9 बजे दिल्ली से विशेष विमान से रवाना होकर 11.30 बजे बिलासपुर पहुंचे। यहां से 11.50 को सड़क मार्ग द्वारा गेवरा खदान के लिए रवाना हुए। केन्द्रीय मंत्री श्री जोशी का शाम 4 बजे बिलासपुर में पहुंचने का कार्यक्रम होने के कारण दीपका, गेवरा, कुसमुंडा खदान का दौरा कार्यक्रम अंशिक प्रभािवत रहा।

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