ईईई में बी-टेक की एक्सीलेंट स्टूडेंट शुभिका ने यूनिवर्सिटी टॉप कर जीता एक्सल गोल्ड मेडल

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कोरबा@M4S: प्रतिभा को पंख मिले, तो सारा आकाश हमारा। जिले की होनहार बिटिया शुभिका यही साबित कर नील गगन की ऊंचाइयां मापने उड़ चली है। माता-पिता व शिक्षकों को बचपन के दिनों से ही उसकी क्षमताओं का आभास कर लिया था। इन्हीं के बूते आज उसने वह कर दिखाया, जिसका सपना लिए इंजीनियरिंग के विद्यार्थी पहले साल से दिन-रात जुटे रहते हैं। शुभिका ने ईईई से न केवल बी-टेक किया, आठों सेमेस्टर में यूनिवर्सिटी टॉप कर विनर का तमगा भी हासिल किया। उसकी विलक्षण प्रतिभा को सम्मान देते हुए एक्सल गोल्ड मेडल से नवाजा गया है।

शुभिका मिश्रा काले हीरे की नगरी कोरबा के दीपका क्षेत्र में कार्यरत लोडिंग इंस्पेक्टर तपेन्द्र नाथ मिश्रा व गेवरा डीएवी विद्यालय की शिक्षिका प्रियंका मिश्रा की सुपुत्री है। अपनी उपलब्धि से उसने जिले का नाम रोशन किया है। भिलाई तकनीकी संस्थान (बीआईटी) में उसने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के आठों सेमेस्टर में टॉप करते हुए एक्सल गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उनकी इस उपलब्धि पर संस्था के अध्यक्ष आईपी मिश्रा ने खुशी व्यक्त करते हुए गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि शुभिका ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय में भी टॉप किया है। वर्तमान दौर में जहां युवा इंजीनियरिंग की पढ़ाई में स्कोप घटने की दुविधा में तकनीकी संस्थाओं से दूरी बनाने लगे हैं, उन्हीं के बीच की प्रतिभावान छात्रा ने यह साबित किया है कि अगर लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। जरूरत है तो जीवन में एक लक्ष्य तय कर सही राह पर आगे बढऩे की। अगर युवा अपने लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़ संकल्पित हो जाएं, मंजिल को हासिल करने की जिद ठान लें, तो सफलता को कदमों पर लाया जा सकता है। बस यही सोच लेकर शुभिका भी सधे हुए कदमों से शनै:-शनै: अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ रही है।

गेट भी क्रैक, आईआईटी भिलाई से करेंगी पीएचडी
शुभिका ने वर्ष-2022 की गेट परीक्षा में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सफलता पाई है। अपनी प्रतिभा के बूते उसने आईआईटी भिलाई में पीएचडी के लिए आसानी से प्रवेश भी प्राप्त कर लिया है। वर्तमान दौर में ज्यादातर युवा जॉब व स्कोप पर फोकस जल्दी से जल्दी ऊंचा मुकाम हासिल करने के रास्तों पर दौड़ रहे। परिणाम यह कि शोध व अध्ययन के क्षेत्र में युवाओं की भारी कमी देखी जा रही है। इन समस्याओं व कॅरियर के लिए दौड़ लगाते युवाओं के बीच शुभिका ने शोध-अध्ययन को अपना अगला टारगेट बनाया है। अब वह पीएचडी स्कॉलर के रूप में अपने पसंदीदा क्षेत्र में शोध कर कुछ नए की तलाश में जुट जाएगी।

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