आयुष्मान भारत के नाम फर्जी भर्ती के 4 आरोपी गिरफ्तार 4 लाख रुपए में भर्ती कराने का दिया था झांसा, क्राईम ब्रांच ने महासमुंद व रायपुर से पकड़ा

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कोरबा@M4S: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में भर्ती कराने और इसके एवज में 4 लाख रुपए लगने का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले 4 आरोपियों को क्राईम ब्रांच की टीम ने धर दबोचा। इसमें राहत की बात यह रही कि रुपए ठगने से पहले फर्जीवाड़ा का भण्डाफोड़ हो गया।

जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत के तहत जिला सलाहकार (आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के पद पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शिव कुमार राठौर पिता प्रहलाद राठौर 30 वर्ष निवासी रेलवे कालोनी ब्लॉक नंबर 84-85 के पीछे, ने घटना की लिखित शिकायत रामपुर पुलिस चौकी में की थी। शिवकुमार ने बताया कि सीएमओ डॉ. पी एस सिसोदिया के पास पैरामाउंट हेल्थ एण्ड इंश्योरेंस टीपीए पीव्हीटी का नियुक्ति पत्र वाट्सअप के माध्यम से वेरीफिकेशन के लिए भेजा गया था। सीएमओ द्वारा इसकी तस्दीक कराने पर पैरामाउंट कंपनी का कोई अनुबंध आयुष्मान भारत योजना के लिए राज्य शासन से नहीं होना पाया गया। इसके बाद शिव राठौर के मोबाईल पर वाट्सअप से योजना के तहत जिला एवं ब्लॉक समन्वयक व आयुष्मान मित्र आदि पदों के लिए विज्ञापन भेजा गया। दिए गए नंबर-0771-4045118 में शिव ने संपर्क किया तो कोरबा क्षेत्र के मैनेजर विजय कुर्रे का मोबाइल नंबर दिया गया। विजय के मोबाइल में संपर्क करने पर उसने माइक्रोनेट ग्रुप, समता कॉलोनी रायपुर स्थित कंपनी में जिला मैनेजर पद पर काम करना बताया। आयुष्मान भारत जिला समन्वयक पद में भर्ती के लिए 4 लाख रूपए लगने की जानकारी दी। 2 लाख रूपए एडवांस और शेष राशि नियुक्ति पत्र प्राप्त होने के बाद देना कहा गया। संदेह पर शिव राठौर ने विजय कुर्रे को 2 लाख रूपए एडवांस देने 7 दिसंबर को कोरबा बुलाया, जिसके साथ माइक्रोनेट ऑर्गेनाईजेशन ग्रुप छत्तीसगढ़ के 9 जिलों का प्रोजेक्ट मैनेजर कमलकांत लहरे भी पहुंचा था। इसके बाद शिव ने लिखित शिकायत रामपुर चौकी में दर्ज कराई। जांच उपरांत आरोपियों के विरुद्ध धारा 420, 511, 34 भादवि का जुर्म दर्ज किया गया।

पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव के द्वारा आरोपियों की धर-पकड़ के लिए क्राईम ब्रांच को निर्देश दिए गए। क्राईम ब्रांच प्रभारी कमलेश कुमार शेन्डे ने साइबर सेल की मदद से आरोपियों का लोकेशन ट्रेस किया। इसके बाद टीम में शामिल चक्रधर राठौर, गुनाराम सिन्हा, संतोष सिंह आदि के साथ दबिश देकर महासमुन्द से विजय कुर्रे व कमलकांत लहरे को गिरफ्तार किया। उनके बताए अनुसार रायपुर में समता कालोनी से वीरेन्द्र प्रधान व परमेश्वर निषाद को पकड़ा गया। वीरेन्द्र प्रधान पूरे फर्जीवाड़ा का मास्टरमाइंड बताया गया है। एफआईआर के 24 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर अग्रिम विवेचना के लिए कोतवाली पुलिस के सुपुर्द किया गया। मामले की छानबीन जारी है व कुछ और गिरफ्तारियां होने की संभावना बताई गई है।

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