अभी तक साढ़े तेईस प्रतिशत पूरी हुई खरीफ फसलों की बोनी कलेक्टर कौशल ने कृषि और सहयोगी विभागों के कामकाज की समीक्षा की खाद-बीज के वितरण पर नजर रखने दिए निर्देश, लक्ष्य अनुसार फसलों का बीमा कराने को भी कहा

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कोरबा@M4S: कलेक्टर किरण कौशल ने आज कृषि और अन्य सहयोगी विभागों के अधिकारियों की बैठक में विभागीय कामकाज की समीक्षा की। वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से विकासखंड तथा ग्राम स्तरीय अधिकारी भी इस बेैठक में शामिल हुए। कौशल ने चालू खरीफ सत्र में बीज-खाद की उपलब्धता पर सबसे पहले चर्चा की। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में बीज और खाद की व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित करने के निर्देश मार्कफेड सहित सभी संबंधित अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने किसानों को विपरीत मौसम अतिवृष्टि, कम वर्षा आदि के कारण फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए अधिक से अधिक फसल बीमा कराने के भी निर्देश विभाग के मैदानी अमले को दिए। कौशल ने अब तक हो चुकी बोनी और जिले के लिए प्रस्तावित खरीफ कार्यक्रम की जानकारी भी उप संचालक कृषि से ली। उन्होंने जिले में उद्यानिकी फसलों का बीमा कराने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश मैदानी अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने चालू खरीफ मौसम में पूरे जिले में 250 हेक्टेयर उद्यानिकी फसलों का बीमा कराने का लक्ष्य भी बैठक में तय किया। जिले के सभी पांचों विकासखंडों में 50-50 हेक्टेयर उद्यानिकी फसलों का बीमा कराने का टारगेट निश्चित किया गया है।
अब तक 31 हजार 840 हेक्टेयर में हुई बोनी, कुल लक्ष्य से साढ़े तेईस प्रतिशत-  बैठक में बताया गया कि जिले में अभी तक लगभग साढ़े 23 प्रतिशत क्षेत्र में बोनी पूरी कर ली गई है। कोरबा जिले में इस वर्ष एक लाख 35 हजार 815 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की खेती की जायेगी। राज्य शासन की मंशा अनुसार किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए इस साल धान के रकबे में कमी की जायेगी और दलहन-तिलहन फसलों का रकबा बढ़ाया जायेगा। इस वर्ष चैदह हजार 250 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन और तिलहनों की फसलें लगेंगी जोकि पिछले वर्ष से एक हजार 815 हेक्टेयर अधिक होगा। पिछले वर्ष 12 हजार 435 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन-तिलहनी फसलों की खेती की गई थी। चालू खरीफ मौसम में कोरबा जिले में धान के रकबे में तीन हजार 049 हेक्टेयर की कमी कर 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लेना प्रस्तावित है। इसी प्रकार धान, ज्वार, मक्का, कोदो, कुटकी को मिलाकर जिले में चालू खरीफ मौसम में एक लाख तीन हजार 165 हेक्टेयर क्षेत्र में अनाज फसलें ली जायेंगी। इस वर्ष जिले में अनाज फसलों के कुल रकबे में भी लगभग साढ़े आठ सौ हेक्टेयर की कमी होगी।
      जिले के उप संचालक कृषि श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने बताया कि कोरबा में चालू खरीफ मौसम में दस हजार तीन सौ हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी और तीन हजार 950 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलें लगाई जायेगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दलहनी फसलों का रकबा एक हजार 238 हेक्टेयर और तिलहनी फसलों का रकबा लगभग छह सौ हेक्टेयर बढ़ेगा। जिले में चालू खरीफ मौसम में 18 हजार चार सौ हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी व अन्य दूसरी फसलें ली जायेगी। श्री श्यामकुंवर ने बताया कि इस वर्ष खरीफ मौसम में साढ़े 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रोपा पद्धति से और साढ़े 66 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोता पद्धति से धान की खेती होगी। जिले में अभी तक हुई वर्षा के आधार पर खेतों में नमी और पानी को देखते हुए किसानों ने 26 हजार 620 हेक्टेयर क्षेत्र में धान के बीज बो दिये हैं। उप संचालक ने बताया कि आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का, 150 हेक्टेयर क्षेत्र में कोदो-कुटकी और 15 हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार की फसल ली जायेगी। किसानों ने अभी तक तीन हजार 720 हेक्टयर क्षेत्र में मक्के की बोनी पूरी कर ली है।
    उप संचालक ने बताया कि चालू खरीफ मौसम में तीन हजार दो सौ हेक्टेयर क्षेत्र में अरहर, तीन हजार दो सौ हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द, तीन हजार 400 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल्थी व अन्य फसलें तथा पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की खेती होगी। इसी प्रकार दो हजार 150 हेक्टेयर क्षेत्र में तिल, एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रामतिल और आठ सौ हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली की बोनी की जायेगी। इस बार खरीफ के मौसम में 18 हजार 400 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती होगी। उप संचालक ने बताया कि अभी तक कुल लक्ष्य के हिसाब से जिले में साढ़े तेईस प्रतिशत बोनी हुई है। 28.11 प्रतिशत क्षेत्र में धान, 29.49 प्रतिशत क्षेत्र में अनाज और चार प्रतिशत क्षेत्र में सब्जी फसलों के बीज बोये जा चुके हैं। जिले में मूंगफली और तिल की फसलों की भी लगभग ढाई प्रतिशत क्षेत्र में बोनी पूरी कर ली गई है। मौसम को देखते हुए आगामी दिनों में खेती-किसानी के काम में तेजी आयेगी। फसलों की बोनी भी तेज होगी।
    खेती के लिए 18 हजार 888 क्विंटल बीज का भंण्डारण- कृषि विभाग के उप संचालक श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों को वितरित करने के लिए धान की आठ वेरायटियों के बीज समितियों में भंडारित किये गये हैं। अभी तक जिले में धान, मक्का, अरहर, उड़द, सन ढेंचा जैसी फसलों की खेती के लिए 18 हजार 888 क्विंटल बीज का भंण्डारण कर लिया गया है। किसानों को इस साल धान की खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंद्रा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। भण्डारित बीजों में से 14 हजार 702 क्विंटल समितियों में, एक हजार 016 क्विंटल विभागीय प्रदर्शनों के तहत तथा लगभग तीन हजार 170 क्विंटल बीज निजी क्षेत्रों की दुकानों में भण्डारित किया गया है। जिसमें से अभी तक 15 हजार 763 क्विंटल किसानों ने खेतों में बोने के लिए उठाया है। किसानों ने 12 हजार 028 क्विंटल बीज समितियों से, एक हजार 016 क्विंटल बीज कृषि विभाग से और लगभग दो हजार 718 क्विंटल बीज निजी क्षेत्रों से उठाया है। श्री श्यामकुंवर ने किसानों से तेजी से बीज-खाद का उठाव करने की अपील की है ताकि समय पर बीज की खेतों में बोनी की जा सके। जिले की समितियों में अभी भी लगभग तीन हजार 126 क्विंटल बीज भण्डारित है।

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