कोरबा@M4S:नए वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत के साथ ही 1 अप्रैल से बैंकिंग, टैक्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन से जुड़े कई नियम बदलेंगे।ये बदलाव एटीएम से पैसे निकालने, यूपीआई ट्रांजेक्शन, बचत खाते, क्रेडिट कार्ड, टैक्स नियमों और डीमैट अकाउंट से जुड़े हैं, जिनका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।
नए वित्तीय वर्ष से हर वर्ग की जेब पर कुछ न कुछ असर पड़ेगा। बहुत से नई छूट मिलने से लाभ की मात्रा ज्यादा है। हालांकि कुछ मामलों में नियम पालन न करने पर जेब भी ढीली करनी पड़ सकती है। अप्रैल से टीडीएस की छूट की सीमा सीनियर सिटीजन के लिए बढ़ जाएगी। अभी तक छूट की सीमा 50000 रुपए थी। इसे बढ़ाकर 2 गुना यानी 1 लाख रुपए कर दिया गया है। अब सीनियर सिटिजन को एफडी या आरडी से प्राप्त 100000 रुपए तक ब्याज के आय पर टीडीएस नहीं लगेगा। हर महीने की 1 तारीख को गैस सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाती है। 1 अप्रैल को गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हो सकता है। अगर किसी अन्य बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो यह बदलाव आपको प्रभावित कर सकता है। आरबीआई के नए नियमों के अनुसार ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से महीने में केवल तीन बार पैसे निकाल सकेंगे। इसके बाद हर लेनदेन पर 20 से 25 शुल्क लगेगा। व्यवसायों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो सकता है। नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगेगा। अगर पैन और आधार लिंक नहीं हैं, तो टीडीएस की दर बढ़ सकती है, और टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है। सेबी के नए नियमों के अनुसार, सभी निवेशकों को अपने केवायसी और नॉमिनी विवरण को अपडेट करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो डीमैट अकाउंट फ्रीज किया जा सकता है।
1 अप्रैल से एटीएम से पैसे निकालना महंगा, बैंक में न्यूनतम बैलेंस, चेक संबंधी बदलेंगे नियम आम जनता की जेब पर पड़ेगा सीधा असर

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