कोरबा@M4S: कोरबा जिले में तापमान का पारा भले ही गिरता-चढ़ता जा रहा है लेकिन लौटती हल्की ठंड में सियासी पारा गर्माया हुआ है। निकाय चुनाव को लेकर वोटिंग हो चुकी है। मतदाताओं का जनादेश कैद हो चुका है। निकाय चुनाव में चली आ रही गहमागहमी भले ही कम हो गई हो लेकिन हार-जीत का रोमांच अभी भी बरकरार है। उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 15 फरवरी को मतों की गणना के साथ होगा। किस निकाय में किसकी सरकार बनती है और अध्यक्ष तथा महापौर का सेहरा किसके सिर बंधेगा इसकी चर्चा चौक-चौराहों में होने लगी है। हार-जीत को लेकर बहस छिड़ने के अलावा शर्त भी लगने लगे हैं। इन सबके बीच सभी निकायों में इस बार घटा हुआ मतदान भी चिंता का विषय बना हुआ है, इसके आधार पर दलीय नफा – नुकसान का भी आंकलन किया जा रहा है। कम हुए मतदान को कोई सत्ता पक्ष के लिए तो कोई विपक्ष के लिए सही बता रहा है लेकिन जो आंकड़े सामने आए हैं उसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के महापौर व अध्यक्ष प्रत्याशी उत्साहित हैं, अपने-अपने पक्ष में बयार मानकर चल रहे हैं। वार्ड पार्षदों के मामले में भी कमोबेश यही हालात हैं।
कितना कम हुआ मतदान
वर्तमान निकाय चुनाव में 11 फरवरी 2025 मंगलवार को हुए मतदान के जारी आधिकारिक आंकड़ों पर गौर करें तो नगर पालिक निगम कोरबा, नगर पालिका परिषद कटघोरा, दीपका, बांकीमोंगरा, नगर पंचायत छुरीकला और पाली को मिलाकर कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 53 हजार 231 होती है, इनमें से 2 लाख 26 हजार 222 मतदान हुए हैं। कुल मतदान का प्रतिशत 64.44 दर्ज किया गया है जिसमें पुरुष प्रतिशत 64.32 व महिला प्रतिशत 63.77 है अन्य का प्रतिशत 7.14 दर्ज हुआ है। मौजूदा चुनाव का प्रतिशत नगर पालिक निगम कोरबा में 61.26, नगर पालिका कटघोरा में 81.78, नगर पालिका दीपका में 59.19, बांकीमोगरा में 72.97, नगर पंचायत छुरीकला में 84.94 और नगर पंचायत पाली में 81.06% मतदान दर्ज किया गया है। इसमें बांकीमोगरा नगर पालिका का यह पहला चुनाव है जिसमें उसने अच्छी खासी मत संख्या हासिल की है।
अब बात करें पूर्व के चुनाव की तो वर्ष 2019 में कोरबा निगम में 65.76 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था। नगर पालिका कटघोरा में 84.59, दीपका में 65.84, नगर पंचायत छुरी कला में 89.77 और नगर पंचायत पाली में 84.77 फ़ीसदी मतदान दर्ज हुआ था। इससे पहले नगर पालिका कटघोरा में वर्ष 2014 में 82.21 और 2009 में 78.36 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था। नगर पंचायत पाली में वर्ष 2014 में 83.90 तो 2009 में 81.30% मतदान दर्ज किया गया था। अगर हम इन आंकड़ों पर गौर करें तो इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत घटा है, जिस पर राजनीतिक दलों को चिंता करने की आवश्यकता है कि आखिर क्या और क्यों उनके प्रति मतदाताओं का रुझान कमजोर हुआ है? क्या प्रत्याशियों के चयन में गड़बड़ी हुई है या फिर सांगठनिक तौर पर मेहनत-मशक्कत कमतर की गई.…!