कोरबा@M4S:एसईसीएल दीपका मेगा प्रोजेक्ट के सन 1986 के भूविस्थापित अपने लंबित रोजगार के मामले को लेकर 3 माह से शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने 15 दिसंबर को एसईसीएल दीपका कार्यालय के तालाबंदी की चेतावानी दी है। जिसे लेकर गांव-गांव में जनसंपर्क और बैठक कर दौरा कर रहे हैं ।
लंबित रोजगार के शेष बचे 175 मूल खातेदारों का जिला प्रशासन द्वारा सत्यापन कराया गया था, जिसमें 41 लोगों को रोजगार के लिए अनुमोदन कर आदेश निर्देशित एसईसीएल प्रबंधन को तलब किया गया है। इस पर एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा सभी लोगों से नामांकन भरवा कर जमा करवाया गया था, लेकिन प्रबंधन आगे की कार्यवाही पर कोई रुचि नहीं ले रहा है। इस वजह से भूविस्थापितों को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है और आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है। पीडि़त भागीरथी यादव, प्रकाश कोर्राम ने बताया कि एसईसीएल और प्रशासन को पत्र व्यवहार वर्षों से किया जा रहा है। 3 महीने पहले लंबित रोजगार के मसले को लेकर संबंधित एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन से बार-बार आवेदन किया गया है। इस 3 महीने के बीच में एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा रोजगार के मसले को लेकर कोई उचित कार्यवाही नहीं किया गया। अगर प्रबंधन गंभीरता पूर्वक उचित पहल करता तो आज रोजगार को लेकर सडक़ पर नहीं बैठे रहते। इसके बावजूद भी रोजगार नहीं मिलता है तो 25 दिसंबर को संपूर्ण दीपका खदान को ठप किया जाएगा।उन्होंने कह आंदोलन के लिए व्यापक रूप से गांव-गांव में बैठक कर जनसंपर्क किया जा रहा है। आंदोलन को सफल व सार्थक बनाने के लिए हर प्रकार की प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रबंधन सीधा जॉइनिंग लेटर इशू करें उसके बाद ही आंदोलन स्थगित होगा ।
तालाबंदी को लेकर ग्रामीण एकजुट, कहा – जॉइनिंग लेटर जारी करें आंदोलन तभी होगा स्थगित
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