UP Lok sabha Election 2024: राहुल गांधी, स्मृति ईरानी से राजनाथ सिंह तक पांचवे चरण में ये दिग्गज लड़ रहे चुनाव, पढ़िए हाईप्रोफाइल सीटों का समीकरण, 20 मई को होगी वोटिंग

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नई दिल्ली(एजेंसी):चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के चार चरणों का मतदान हो चुका है। पांचवे चरण में 20 मई को वोटिंग होगी। इस चरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह सहित कई दिग्गम चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में इस चरण में जिन 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव होगा, उनमें वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। केवल रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। यहां से सोनिया गांधी ने जीत ​हासिल की थी।

यूपी में इन 14 सीटों पर 20 मई को होगी वोटिंग

उत्तर प्रदेश में 20 मई को जिन 14 सीटों पर मतदान होगा, वे हैं-मोहनलालगंज (एससी), लखनऊ, रायबरेली, अमेठी,जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा। इनमें रायबरेली ही एकमात्र सीट है, जो 2019 में बीजेपी नहीं जीत सकी थी।

लखनऊ: तीसरी बार चुनाव लड़ रहे राजनाथ सिंह

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले एक बार वे 2009 में वे गाजियाबाद सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं। लखनऊ सीट पर उनका मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के रविदास मेहरोत्रा और बहुजन समाजवादी पार्टी के सरवर मलिक से है।

अमेठी : स्मृति ईरानी लगातार दूसरी जीत की तलाश में

भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी किस्मत आजमा रही हैं। वे लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ऐनवक्त पर राहुल की जगह किशोरी लाल शर्मा को कांग्रेस पार्टी ने टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया। किशोरी लाल शर्मा पंजाब, बिहार में प्रदेश कांग्रेस समितियों में अहम भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने राजीव गांधी के साथ भी रैलियों में भाग लिया है। हालांकि स्मृति ईरानी को अमेठी में कांग्रेस के लिए बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है।

वायनाड के बाद रायबरेली से भी चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पांचवें चरण में रायबरेली से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। उनका मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दिनेश प्रताप सिंह से है। राहुल गांधी ने इस चुनाव में वायनाड के अलावा रायबरेली सीट से भी पर्चा भरा है। वायनाड में पहले ही वोटिंग हो चुकी है। अब 20 मई को रायबरेली में मतदान होगा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद देखना यह है कि क्या वे रायबरेली सीट से चुनाव जीत पाते हैं? रायबेली पारंपरिक रूप से कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट रही है। खुद सोनिया गांधी इस सीट से चुनाव जीतती आई हैं। हालांकि इस बार वे राज्यसभा की ओर रुख कर चुकी हैं। लिहाजा राहुल गांधी ने इस सीट से पर्चा भरा है।

उनके खिलाफ चुनावी मुकाबले में उतरे बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस पार्टी से ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। हालांकि वे 2018 में बीजेपी में शामिल हो गए और 2019 में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वे 1.67 लाख वोट से हार गए थे। एक बार फिर बीजेपी ने रायबरेली से टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है।

कैसरगंज: बीजेपी ने बृजभूषण की जगह बेटे करण को दिया टिकट

कैसरगंज यूपी की एक और हाईप्रोफाइल सीट है, जहां 20 मई को पांचवे चरण का मतदान होगा। यहां मौजूदा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को इस बार विवादों के चलते बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। लेकिन उनके ही बेटे करण भूषण सिंह चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। करण का मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के भगतराम मिश्रा और बसपा के प्रत्याशी नरेन्द्र पांडे से है।

मोहनलालगंज: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर चुनावी मैदान में

इस सीट से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार कौशल किशोर तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आरके चौधरी से कड़ी टक्कर मिल सकती है। वहीं बहुजन समाज पार्टी से राजेश कुमार चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट पर मुकाबला कांटे का देखने को मिल सकता है।

झांसी और जालौन: कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर

झांसी से पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य चुनावी मैदान में हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान सांसद अनुराग शर्मा से कड़ी चुनौती मिल सकती है। वहीं बसपा के उम्मीदवार स्थानीय छात्र नेता रवि प्रकाश मौर्य हैं।

जालौन, हमीरपुर और बांदा में कैसा रहेगा सियासी रण?

जालौन में केंद्रीय मंत्री भनुप्रताप सिंह वर्मा भाजपा की ओर से चुनावी रण में हैं। जालौन में वे छठी बार चुनाव जीतने की कोशिश करेंगे। उनका मुकाबला सपा और बसपा के उन उम्मीदवारों से है, जो पहली बार सियासी रण में उतरे हैं। हमीरपुर में वर्तमान बीजेपी सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल तीसरी बार जीत के लिए चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। उन्हें सपा के अजेंद्र सिंह राजपूत से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। वहीं बांदा में वर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं। उनके खिलाफ सपा की कृष्णा देवी पटेल और बसपा के मयंक द्विवेदी चुनाव लड़ रहे हैं। मयंक पूर्व बसपा नेता दिवंगत पुरूषोत्तम नरेश द्विवेदी के बेटे हैं।

फतेहपुर, बाराबंकी, फैजाबाद का सियासी समीकरण

फतेहपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद बीजेपी प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति फिर सियासी रण में हैं। वे तीसरी बार जीत दर्ज करने का प्रयास करेंगी। उन्हें सपा के पूर्व राज्य प्रमुख नरेश उत्तम पटेल से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। कौशांबी सीट पर वर्तमान सांसद विनोद सोनकर भी तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार भी बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है। वहीं उनके खिलाफ महज 25 साल की उम्र के प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। पुष्पेंद्र सपा नेता इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं।

बाराबंकी लोकसभा सीट की बात की जाए तो बीजेपी की राजरानी रावत और कांग्रेस के तनुज पुनिया के बीच सीधा मुकाबला है। इसी तरह फैजाबाद के वर्तमान बीजेपी सांसद लल्लू सिंह तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। समाजवादी पार्टी के अनुभवी नेता अवधेश प्रताप से उन्हें कड़ी टक्कर मिल सकती है।

गोंडा सीट पर बेनीप्रसाद वर्मा की पोती श्रेया देंगी चुनौती

इसी तरह गोंडा सीट पर गोंडा लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह और सपा की श्रेया वर्मा के बीच कड़ी टक्कर है। श्रेया राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। क्योंकि वे पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पोती हैं।

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