U19WC: अगर ये खिलाड़ी टीम में न होते तो वर्ल्ड कप का सपना रह जाता अधूरा

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दिल्ली @एजेंसी:भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। वर्ल्ड कप फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर टीम इंडिया ने खिताब अपने नाम कर लिया है। भारत की टीम एक के बाद एक सभी मैच जीतती गई। भारत ने अपने विरोधियों को मजबूती से हराया।

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भारत पूरे टूर्नामेंट में एकमात्र ऐसी टीम रही जिसने एक मैच भी नहीं गंवाया। अब जब आज भारत अंडर 19 वर्ल्ड कप जीत कर विश्व विजेता बन गया है तो टीम के उन खिलाड़ियों श्रेय देना नहीं भूलना चाहिए जो इस वर्ल्ड में ज्यादा छाप नहीं छोड़ सके हैं। भारत को इस मुकाम पर पहुंचाने में इन खिलाडि़यों का योगदान उतना ही है जितना बाकी खिलाडि़यों का है। आइए जानते हैं इन खिलाडि़यों को…

ईशान पोरेल– ईशान चंद्रनाथ पोरेल पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और अभी 19 साल के हैं। दाएं हाथ के गेंदबाज पोरेल ने इस वर्ल्ड कप में अहम भूमिका निभाई है। चार मैचों में 8 विकेट ले चुके हैं, जिसमें दो मैचों में उन्होंने 4 विकेट चटके हैं।

पोरेल विजय हजारे ट्रॉफी में भी बंगाल की तरफ से खेल चुके हैं। पश्चिम बंगाल के हुगली के रहने वाले इशान का खेल से पुराना नाता है। दरअसल इशान के दादा, पिता और चाचा सभी कबड्डी के खिलाड़ी थे। ईशान के पिता चंद्रनाथ पोरेल ईस्टर्न रेलवे में नौकरी करते हैं और ये नौकरी भी उन्होंने स्पोर्ट्स कोटे के दम पर हासिल की थी।

अपने परिवार में क्रिकेट खेलने वाले इशान पहले और एकमात्र खिलाड़ी हैं। बचपन से स्विमिंग में दिलचस्पी रखने वाले इशान ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। पहले इशान एक बल्लेबाज बनना चाहते थे, लेकिन कोलकाता के क्रिकेट एकेडमी में जब इशान पहुंचे तो कोच ने उनका कद देखकर उन्हें गेंदबाज बनने की सलाह दी।

गेंदबाजी की प्रैक्टिस करने के लिए इशान रोजना घर से दूर 40 किलोमीटर ट्रेन से जाते थे। इस तरह वह रोजाना 80 किलोमीटर का लंबा सफर सिर्फ गेंदबाज बनने के लिए तय किया करते थे।

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अभिषेक शर्मा– 2016 में मेजबान श्रीलंका को एशिया कप फाइनल में हराने वाली भारतीय अंडर -19 टीम का नेतृत्व करने वाले 17 वर्षीय अभिषेक शर्मा एक बहुआयामी खिलाड़ी हैं जो कि बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने के साथ ही बाएं हाथ के गेंदबाज़ भी हैं।

अंडर -16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी के 2016 के संस्करण में अमृतसर का यह लड़का सबसे अधिक विकेट लेने वाला खिलाड़ी था और उन्होंने 2016-2017 सीजन में विजय हजारे ट्राफी में वरिष्ठ पंजाब टीम की ओर से अपना पहला मैच भी खेला।

यह ऑलराउंडर दो प्रतिष्ठित बीसीसीआई पुरस्कारों – ‘राज सिंग डुंगरपुर पुरस्कार’ उच्चतम स्कोरर और सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी के तौर पर एक ही घरेलू सत्र में भी हासिल करने वाला पहला खिलाड़ी बना।

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