TRADE UNIONS STRIKE:कामर्शियल माइनिंग के विरोध में कोयला उद्योग में 72 घंटे का  लॉक डाउन  शुरू 

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कोरबा@M4S:कामर्शियल माइनिंग(COMMERCIAL MINING) का देश व्यापी विरोध, कोयला  उद्योग में 72 घंटे की हड़ताल शुरू हो गई है,श्रमिक सुबह से ही खदान,वर्क शॉप,लोडिंग पॉइंट सहित कार्यालयों घेराबंदी कर दी,एस ई सी एल कोरबा के मानिकपुर कोयला खदान,सेंट्रल वर्कशॉप के सामने जमकर नारे बाजी कर विरोध प्रदर्शन किया,सयुंक्त श्रमिक संगठन के आहवान पर हड़ताल हो रही है, कोयला उत्खनन और डिस्पैच ठप है,  कमर्शियल माइनिंग को लेकर श्रमिक संगठन लगातार चरणबद्ध आंदोलन कर रहे है, कोरबा जिला  में  एसईसीएल के चारों एरिया में कार्यरत, 17000 से भी अधिक कोयला मजदूर  हड़ताल में  शामिल,श्रमिक नेता दीपेश मिश्रा का कहना है की केंद्र सरकार जब तक कमर्शियल माइनिंग के वापस नहीं लेगी आंदोलन जारी रहेगा,72 घंटे की हड़ताल तो सांकेतिक हड़ताल है,सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेगी  आगे इससे बड़ा आंदोलन श्रमिक संगठन करेंगे,कोल इंडिया में तीन दिवसीय हड़ताल से लगभग 400 करोड़ से अधिक का नुकसान का अनुमान है,  

 एसईसीएल कुसमुंडा एरिया (SECL KUSMUNDA) में सीआईएसएफ और श्रमिक नेताओं के बीच बहस की स्थिति निर्मित हुई। श्रमिक नेता कामगारों से कार्य पर नहीं जाने का आग्रह कर रहे थे। सीआईएसएफ के एक इंस्पेक्टर ने श्रमिक नेताओं को रोकने की कोशिश की। इस पर सीटू के नेता वीएम मनोहर ने आपत्ति की। कुसमुंडा प्रोजेक्ट में कर्मचारियों की उपस्थिति लगभग नगण्य है,एस ई सी एल की गेवरा, दीपका परियोजना में भी हड़ताल सफलता की ओर है। बीएमएस नेता लक्ष्मण चन्द्रा ने बताया कि एसईसीएल के सबसे बड़े प्रोजेक्ट गेवरा में हड़ताल का खासा असर है। गिने चुने ही काम पर पहुंचे हैं। लगभग कामगार हड़ताल के समर्थन में हैं और यूनियन का साथ दे रहे हैं। खास बात यह है कि गेवरा, दीपका में अधिकरी हड़ताल को अपना मौन समर्थन दे रहे हैं। कोरबा एरिया में भी उपिस्थति नहीं के बराबर है। इंटक नेता गोपाल नारायण सिंह ने बताया हड़ताल सफलता की ओर है।

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