TRADE UNION STRIKE:देशव्यापी हड़ताल का कोरबा में दिखा व्यापक असर कोल उत्पादन व डिस्पैच रहा प्रभावित, बीमा क्षेत्र में नहीं हुआ काम, बैंकों में मिला-जुला असर

- Advertisement -


कोरबा@M4S:केन्द्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का असर औद्योगिक नगरी कोरबा में व्यापक रूप से देखने को मिला। खासकर कोयला खदानों में श्रमिक नेताओं ने डिस्पैच बाधित कर दिया। वहीं कोल उत्पादन में भी आंशिक असर होने की बात कही जा रही है। बीमा क्षेत्र में कामकाज ठप रहा। कर्मियों ने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया वहीं बैंकों में हड़ताल का मिला-जुला असर रहा।
देश के 10 प्रमुख केन्द्रीय श्रम संगठनों ने केन्द्र सरकार पर जनविरोधी, मजदूर विरोधी आरोप लगाते हुए 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का ऐलान किया था। हड़ताल में रेलवे को छोड़कर देश के सभी सरकारी व गैर सरकारी कामगर शामिल रहने की बात श्रमिक नेताओं ने कही थी। कोरबा जिला में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने सुबह से ही खदान व प्लांट के सामने आंदोलन शुरू कर दिया। मानिकपुर खदान में श्रमिक नेताओं ने कोल डिस्पैच बाधित कर दिया। वहीं कुसमुंडा, गेवरा और दीपका विस्तार क्षेत्र स्थित खदानों में कोल उत्पादन सामान्य रूप से जारी होने की बात सामने आई है। हालांकि यूनियन पदाधिकारियों ने डिस्पैच रोककर हड़ताल को सफल बनाने की पूरी कोशिश की। कोरबा और गेवरा के केन्द्रीय वर्कशॉप स्टोर में भी मिला-जुला असर रहा। प्रबंधन की ओर से देर शाम उत्पादन व डिस्पैच का आंकड़ा जारी किया जाएगा। इससे स्पष्ट होगा कि हड़ताल कितना सफल रहा। हालांकि श्रमिक नेताओं ने जिले में शत प्रतिशत हड़ताल सफल रहने की बात कही है।
पावर सेक्टर में नहीं दिखा असर
कोयला खदानों की अपेक्षा पावर सेक्टर में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर ज्यादा नहीं रहा। एनटीपीसी की सातों इकाईयों में उत्पादन क्षमता अनुरूप जारी रहने की बात प्रबंधन ने कही है। वहीं एनटीपीसी के अलावा अन्य विद्युत संयंत्रों में भी उत्पादन सामान्य रहा है। हालांकि बिजली कर्मियों ने मुख्यालय में गेट मीटिंग कर आंदोलन किया है।
छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के कोरबा, डीएसपीएम, एचटीपीएस और विस्तार संयंत्रों में भी इकाइयों से क्षमता के अनुरूप बिजली उत्पादन जारी रहा। कोयला संकट से पूर्व में आई कमी को सामान्य करने के लिए प्रबंधन की ओर से प्रयास किए गए।
पुलिस ने संभाला सुरक्षा का जिम्मा
जिले की कोयला खदानों में हड़ताल को देखते हुए पुलिस बल सक्रिय रहा। प्रबंधन की ओर से इस बारे में प्रशासन को पहले ही अवगत करा दिया गया था। वस्तुस्थिति को ध्यान में रख पुलिस अधीक्षक की ओर से जिले की सभी खदानों में नियंत्रण के लिहाज से निरीक्षक और उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को तैनात किया गया। पुलिस बल भी यहां पर डटा रहा। उद्देश्य यह था कि कर्मचारियों को ड्यूटी पर जाने देने से रोकने वालों पर नजर रखी जा सके। पुलिस की उपस्थिति के कारण किसी भी क्षेत्र में वाद विवाद की स्थिति निर्मित नहीं हुई।
आम जनजीवन रहा सामान्य
हड़ताल से आम जनजीवन सामान्य रहा। आम जनजीवन को हड़ताल से दूर रखने की बात पहले भी संयुक्त यूनियन के पदाधिकारी कह चुके थे। हालांकि कुछ बैंकों एवं बीमा कंपनियों के बंद रहने से लोगों को परेशानी जरूर हुई। वहीं आवागमन सामान्य रूप से जारी रहा।
बालको में श्रमिक नेताओं ने दिखाई ताकत
बालको में राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर श्रमिक नेताओं ने ताकत दिखाई। संयंत्र गेट के बाहर प्रदर्शन किए जाने से सुबह की पाली में कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि प्रबंधन ने रात्रि पाली के कर्मचारियों से ओटी करा कर उत्पादन सामान्य रखा है।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!