टिकट को लेकर BJP में घमासान, भाजपा के बनाए नियम में ही उलझे छह बार के सांसद; दावेदारों से भी मिल रही कड़ी चुनौती

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गोरखपुर(एजेंसी):जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा, टिकट को लेकर भाजपा में घमासान बढ़ता जा रहा। गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों पर अगर इस नजरिये नजर डालें तो एक-दो सीट को छोड़कर हर सीट पर वर्तमान सांसद को तीन से पांच प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी चुनौती मिल रही। चुनौती देने वालों में वर्तमान सांसद के अलावा पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, वर्तमान और पूर्व विधायक शामिल हैं।कुशीनगर संसदीय सीट पर वहां के सांसद विजय दुबे को पूर्व सांसद से चुनौती मिल रही। इसके अलावा एक पूर्व विधायक और एक वर्तमान विधायक भी खुद को टिकट की दौड़ में बता रहे। देवरिया में वर्तमान सांसद डा. रमापति राम त्रिपाठी कई दमदार दावेदारों की घिरे नजर आ रहे। दावेदारों में एक-एक वर्तमान व पूर्व विधायक के अलावा एक पूर्व सांसद के पुत्र खुलकर सामने आ गए हैं।

दो ऐसे दावेदार भी हैं, जो संगठनात्मक राजनीति से निकलकर चुनावी राजनीति मेें आने को ताल ठोक रहे। बलिया की तीन विधानसभा सीटोंं से मिलकर बना संलेमपुर संसदीय क्षेत्र भी इस चुनाव में दावेदारी को लेकर अखाड़ा बना हुआ है। दो बार से सांसद चुने जा रहे रवींद्र कुशवाहा को इस बार एक पूर्व सांसद के परिवार से चुनौती मिल रही, जो हाल ही भी भाजपा में शामिल हुए। संगठन के एक पदाधिकारी व एक पूर्व मंत्री की दावेदारी को भी गंभीरता से लिया जा रहा।

पंकज चौधरी के टिकट पर लग रहा ग्रहण
महराजगंज सीट से छह बार लगातार सांसद रह चुके केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के टिकट पर इस बार भाजपा के उस नियम के चलते ग्रहण लगता दिख रहा है, जिसमें तीन बार सांसद रह चुके नेताओं को टिकट न देने की बात है। ऐसे में वहां के दो विधायक बड़ी खामोशी से टिकट के लिए लगे हुए हैं। डुमरियागंज में सांसद जगदंबिका पाल को अपना टिकट बचाने के लिए एक पूर्व मंत्री व एक पूर्व विधायक से संघर्ष करना पड़ेगा।

73 वर्षीय सांसद तीन बार सांसद रहने के मानक की वजह से भी टिकट की दौड़ मेंं संघर्ष करते दिख रहे बस्ती में लगातार दो बार से सांसद चुने जा रहे हरीश द्विवेदी की इस बार भी टिकट की दावेदारी तगड़ी है लेकिन दो पूर्व विधायकों के दावेदारी की भी चर्चा जोरों पर है। इसके अलावा कई पार्टी पदाधिकारी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

संतकबीर नगर के सांसद प्रवीण निषाद की सीट वैसे तो सुरक्षित मांगी जा रही लेकिन उन्हें भी कुछ मजबूत दावेदार चुनौती देते दिखे रहे हैं। उनमें पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक के पिता और एक पूर्व सांसद के बेटे की दावेदारी को गंभीरता से लिया जा रहा।

टिकट को लेकर संगठन के एक बड़े पदाधिकारी का नाम भी सामने आ रहा। गोरखपुर की दो संसदीय सीट में से गोरखपुर सदर सांसद रवि किशन के सामने फिलहाल किसी की प्रत्यक्ष दावेदारी सामने नहीं आ रही। बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान टिकट कटने को लेकर पार्टी के तीन बार सांसद रहने के मानक के दायरे में आ रहे। ऐसे में इस सीट पर बड़ा उलटफेर सामने आ सकता है। हालांकि किसी की प्रत्यक्ष दावेदारी यहां भी नहीं दिख रही।

दल-बदल से हो सकता है बड़ा उलटफेर
बस्ती और डुमरियागंज दो ऐसी संसदीय सीटे हैं, जहां दल-बदल से बड़े उलटफेर की संभावना राजनीति के जानकार जता रहे। बस्ती में एक पूर्व मंत्री मंत्री इसे लेकर खासे चर्चा में है। जानकारों की मानें तो उन्होंने इसे लेकर अपना राजनीतिक दांव खेल दिया है।

इसी तरह डुमरियागंज में दूसरे दल के एक नेता भाजपा से टिकट की दावेदारी ठोंक रहे, जो मूलत: भाजपाई ही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के कारण उन्होंने दूसरे दल का दामन थाम लिया था।

 

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