माह ए रमजान का तीसरा अशरा शुरू, 20 रोजे हुए मुकम्मल

- Advertisement -

कोरबा@M4S:मुस्लिमों का पाक महीना रमजान चल रहा है। मुस्लिम बंधु रोजे रखकर खुदा की इबादत पर मशगुल हैं। मस्जिदों में तरावीह पढ़ी जा रही है। गुरुवार से शबे कद्र की पांच रातें शुरू हो गई है। मान्यता है कि इन्हीं रातों में पवित्र कुरान नाजिल हुई थी। इसी के साथ मुस्लिम बंधुओं ने अपने 20 रोजे पूरे कर लिए हैं।
रमजान के तीसरे व आखिरी आशरे में दो जुम्मा पड़ेगा। पहला जुम्मा 14 अप्रैल तो दूसरा जुम्मा 21 अप्रैल को है। इन दोनों दिनों में मुस्लिम समुदाय के लोग जुम्मे की नमाज अदा करेंगे। जुम्मे की नमाज को लेकर अकीदतमंदों में विशेष उत्साह रहता है। इधर हर दिन मस्जिदों में सामूहिक नमाज के बाद रात में तरावीह में भी अकीदतमंद शामिल हो रहे है।मुस्लिम समुदाय का पवित्र माह रमजान के 20 दिन बीत गए। अब पांच महत्वपूर्ण रातें शुरू होने वाली है। शब-ए-कद्र की इन रातों में इबादत व दुआ से काफी अधिक सवाब मिलता है। इस्लाम में इन रातों का विशेष स्थान है। इन पांच रातों में एक रात की इबादत का अर्ज (फल) एक हजार महीनों के रात से बेहतर है। 13 अप्रैल से माह-ए-रमजान का तीसरा निजात का अशरा शुरू हो गया है ।इस अशरा में 13, 15, 17, 19 व 21 की रातें काफी खास है। मान्यता है कि इन्हीं पांच रातों में अल्लाह ने अपने पैंगबर हजरत मोहम्मद साहब पर कुरान-ए-पाक को नाजिल किया था। इन रातों में इबादत व दुआ करने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है। ऐसी मान्यता है कि इस आखिरी अशरे में अल्लाह अपने बंदों को क्षमा करता है। नर्क की तकलीफ से निजात फरमाता है। रमजान माह को दस-दस दिनों के तीन अशरा में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत का, दूसरा मगफिरत का और तीसरा जहन्नूम से निजात का है।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!