प्रधान पाठकों की पदोन्नति से संतुष्टि और असंतुष्टि का मामला गरमाया,दो फाड़ हुए प्रधान पाठक, शिक्षा विभाग बना अखाड़ा

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कोरबा@M4S: जिले में प्रधान पाठकों की पदोन्नति से संतुष्टि और असंतुष्टि का मामला गरमाया हुआ है। शिक्षा जगत में इसे लेकर काफी चर्चाएं भी हैं और महकमे के अधिकारी अपना बचाव करने में लगे हैं। एक ओर जहां पदोन्नति से असंतुष्ट प्रधान पाठकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन प्रेषित कर कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उनकी बर्खास्तगी की मांग तक कर डाली है। इसके बाद अब संतुष्ट प्रधान पाठकों ने अपनी बात सामने रखी है।
इनके द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि कोरबा जिले में प्रधान पाठक पदोन्नति तथा पदस्थापना उपरांत सूची निरस्त करने उपरांत पदोन्नत प्रधान पाठकों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसे न्यायालय ने पिछले दिनों निराकृत किया परन्तु कुछ लोगो द्वारा निराकृत शब्द को खारिज बताया जा रहा है। जिससे पदोन्नत प्रधान पाठको बड़ी संख्या में भ्रमित हो रहे थे। जिले के विभिन्न ब्लाकों के प्रधान पाठको ने इसी तारतम्य में दिनांक 20 मार्च 2023 को शिक्षक सदन घण्टाघर चौक में बड़ी बैठक की जिसमें सैकड़ो की संख्या में स्वस्फूर्त प्रधान पाठको ने भाग लिया एवं अपनी अपनी राय रखी। सभी ने अपनी बात ज्ञापन के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी,पदोन्नति समिति के अध्यक्ष के समक्ष रखने की बात तय की एवं कार्यालय में उनसे मुलाकात की एवं उन्हें अवगत कराया कि वास्तव में 90त्न से अधिक पदोन्नति प्राप्त प्रधानपाठक अपनी पदांकित संस्था से संतुष्ट हैं एवं अपना दायित्व निभा रहे हैं। अत: शेष बचे प्रधान पाठको की ही काउंसलिंग की जावे। जिला शिक्षा अधिकारी ने उक्त विषय को समिति के समक्ष रखते हुए सहानुभूति पूर्वक विचार करने की बात कही थी। पदोन्नति से संतुष्ट प्रधान पाठको के प्रतिनिधि मंडल ने 650 की संख्या में सभी प्रधान पाठको के द्वारा भरे हुए सन्तुष्टि प्रमाण पत्र जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किये। इन्होंने बताया कि 650 सन्तुष्टि प्रमाण पत्र आज जमा हुए,इसके अलावा कुछ प्रधान पाठको ने व्यक्तिगत भी सन्तुष्टि प्रमाण पत्र जमा किया है साथ ही 31 मार्च को और भी प्रमाण पत्र जमा होने हैं। इस प्रकार इतनी अधिक संख्या में लोग अपनी पदोन्नति एवं पदांकन से सन्तुष्ट हैं तब भी कुछ लोग व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए जिले के अधिकारियों के विरुद्ध दबाव बनाने का प्रयास कर अपनी रोटी सेंकने का प्रयास कर रहे हैं। इन्होंने कहा है कि सन्तुष्ट प्रधान पाठको की संख्या 1000 से ऊपर है यदि इनके साथ कुछ गलत होता है तो ये भी उन 30-35 असन्तुष्ट प्रधान पाठको की भांति सड़क की लड़ाई लडऩे पर मजबूर हो जायँगे परन्तु इन्हें शासन-प्रशासन और जिले के अधिकारियों पर आज पर्यंत विश्वास है कि वे 1000 प्रधान पाठको पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उन्हें काउंसलिंग से पृथक रख बाकी असन्तुष्ट प्रधान पाठको की समस्या का निराकरण करेंगे।सन्तुष्ट प्रधान पाठको के प्रतिनिधि मंडल में दिवाकर सिंह,चन्दा तिवारी, तारकेश मिश्रा,जीवन बघेल, विनोद चंद्रा, जगदीश चंद्रा, ईश्वरी तिवारी ,रूपा अनन्त,बाबूलाल पटेल, दिनेश प्रजापति, तरुण राठौर, संजू कुमार,जगदीश चन्द्र,सन्तोष कर्ष, मंगतू राम, मनहरण निषाद,विनोद निराला सहित भारी संख्या में प्रधान पाठक गण उपस्थित रहे।

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