बाजार में चढ़ी रंगों की खुमारी, होली का बाजार सजकर तैयार

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कोरबा@M4S:शहर के बाजारों में होली से सप्ताह भर पहले ही रंग और पिचकारी की रौनक देखने को मिलने लगी है। शहर की लगभग सभी थोक दुकानों में रंग-गुलाल और पिचकारियों की बिक्री शुरू हो चुकी है। इस बार लेटेस्ट ट्रेंड में इलेक्ट्रॉनिक गन और अरारोट से बने रंगों की अधिक मांग देखी जा रही है। महंगे होने के बावजूद इनकी डिमांड बढ़ी है, जिसके चलते व्यापारियों ने बड़ी संख्या में इनका ऑर्डर दिया है।आधुनिक बदलाव के साथ अब पारंपरिक पिचकारियों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक पिचकारियों की भी बढ़ी हुई मांग है। यह गन पानी को बटन दबाने पर पंप की तरह दूर तक फेंकती है। इसकी कीमत 500 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक है। ये गन रिचार्जेबल बैटरियों से चलती हैं और कुछ में तो पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए स्पीड कंट्रोल भी दिया गया है। व्यापारियों ने बताया कि इस बार गन के साथ पानी के टैंक की कई नई वैरायटी उपलब्ध हैं। छोटे बच्चों के लिए आधे से एक लीटर के टैंक और किशोरों के लिए पांच से आठ लीटर क्षमता वाले टैंक भी बाजार में हैं, जिनसे पानी भरकर लोग आसानी से पिचकारी से रंग फेंक सकते हैं। इसके अलावा, पारंपरिक पिचकारियों और रंगों से भी बाजार सजा हुआ है।बच्चों के लिए पिचकारी बॉक्स भी इस बार विशेष रूप से उपलब्ध हैं। इनमें पिचकारी के साथ-साथ अलग-अलग रंग-गुलाल भी होते हैं। ये बॉक्स सुपरहीरो, कार्टून और अन्य डिजाइनों में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, पिचकारियों में भी कई कार्टून कैरेक्टर और अन्य वैरायटी बाजार में खास तौर पर मंगवाई गई हैं। थोक व्यापारियों ने होली पर अरारोट से बने रंगों की अधिक डिमांड भेजी है। उनके अनुसार, ये रंग प्राकृतिक और हानिरहित होने के साथ-साथ पारंपरिक रंगों की तुलना में हल्के होते हैं। ये रंग पानी में आसानी से घुल जाते हैं और सफाई में भी कोई कठिनाई नहीं होती। विभिन्न शेड्स जैसे गुलाबी, हरा, पीला, नीला और लाल रंग प्रमुख हैं।

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