कोरबा@M4S: खनन से प्रभावित जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) कोल माइनिंग बाक्साइट विस्थापन से जुड़ी समस्याओं से संबंधित संवाद सम्मेलन का आयोजन दिल्ली में हुआ। जिसमें ऊर्जाधानी संगठन के पदाधिकारियों ने जिले से प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने डीएमएफ का सोशल आडिट को जरूरी बताते हुए जिले में फंड के दुरुपयोग का मुद्दा प्रमुखता से उठाया।
हक व टीडीएच एनजीओ संस्था के प्रमुख भारती अर्ली धनपाल मोनिका रितु प्रज्ञा की अगुवाई में दिल्ली के चाणक्यपुरी विश्व युवक केंद्र भवन में में कार्यक्रम आयोजित हुई। जिसमें कोरबा से ऊजार्धानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के मीडिया प्रभारी ललित महिलांगे ने शिरकत की। सम्मेलन में उन्होंने कहा कि कोरबा जिला में कोल माइंस (एसईसीएल) की चार परियोजनाएं चल रही हैं। सोशसल आडिट के अभाव में जिला खनिज न्यास निधि का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र के ग्रामों में विकास की योजना बनाकर फंड का दुरुपयोग किया जा रहा है, इसे रोका जाना बहुत ही जरूरी है। मूल-निवासी एवं भूविस्थापित किसानों के हक व अधिकार का शोषण किया जा रहा है। संगठन की ओर से सुझाव व विचार देते हुए कहा कि इस पर सोशल ऑडिट होना बहुत ही जरूरी है। जिससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामों में ग्राम सभा में योजना बनाकर खर्च किया जा सके। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण किसान महिलाएं बच्चों को विकास की मुख्यधारा में जोडक़र लाभ पहुंचाया जा सके। सम्मेलन में मितवा महिला कल्याण एवं सेवा समिति संस्था के प्रमुख संतोषी वर्मा, रामप्रताप पुलास्त, दिलीप कुमार, शशि कुमार सूर्यवंशी एवं सात राज्यों से सदस्यगण उपस्थित थे।
दिल्ली में गूंजा डीएमएफ के सोशल आडिट न करने का मुद्दा, खनिज न्यास निधि पर सम्मेलन संपन्न कोरबा के पदाधिकारियों ने कहा फंड का हो रहा दुरुपयोग
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