कुसमुंडा महाप्रबंधक संजय मिश्रा द्वारा रोजगार की प्रक्रिया को तेज करने के आश्वाशन और महाप्रबंधक द्वारा भूख हड़तालियों को जूस पिलाने के बाद समाप्त हुआ भूख हड़ताल

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सभी भू विस्थापितों को रोजगार मिलने तक कुसमुंडा कार्यालय के सामने जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना

मांगों पर सकारात्मक पहल शुरू नहीं होने पर 10 मार्च को होगा कुसमुंडा खदान में महाबंद आंदोलन

कोरबा@M4S:छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने कुसमुंडा में बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण का निराकरण कर जमीन के बदले प्रत्येक खातेदार को रोजगार देने की मांग को लेकर किसान सभा के नेतृत्व में भू विस्थापितों ने 2 मार्च को 11 बजे से एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू किया जिससे एसईसीएल प्रबंधन के हाथ पांव फूलने लगे और प्रबंधन की परेशानी बढ़ने लगी हड़ताल के 50 घंटे बाद प्रबंधन ने प्रशासन की उपस्थिति में बैठक बुलाई बैठक में कुसमुंडा महाप्रबंधक संजय मिश्रा,दीपका तहसीलदार रवि शंकर राठौर, कुसमुंडा थाना प्रभारी राजेश जांगड़े भू विस्थापितों की और से किसान सभा के सचिव प्रशांत झा, भू विस्थापित रेशम यादव,दामोदर श्याम,दीनानाथ,रघु यादव,मोहन यादव और एसईसीएल के अधिकारी उपस्थित थे। महाप्रबंधक द्वारा पुराने रोजगार प्रकरण को तेज करने के लिए अलग से टीम गठित कर 10 दिनों में रोजगार की प्रक्रिया को तेज करने का आश्वाशन दिया गया और रोजगार के लिए आंदोलन कर रहे भू विस्थापितों की मांगों पर तत्काल सकारात्मक पहल करने के आश्वाशन के बाद भूख हड़ताल स्थल पहुंच कर महाप्रबंधक संजय मिश्रा और कुसमुंडा थाना प्रभारी राजेश जांगड़े द्वारा भूख हड़ताल में बैठे हड़तालियों को जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराया गया।

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव सचिव दामोदर श्याम तीन लोग 51 घंटे तक सभी भू विस्थापितों को रोजगार देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल में बैठे थे।
भूखहड़ताल के समर्थन में गेवरा, दीपका समेत कुसमुंडा के सैकड़ों भू विस्थापित परिवार सहित आंदोलन में शामिल हुए।
जिला प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भू विस्थापितों ने किसान सभा के नेतृत्व में अब आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिए हैं। अभी तो यह शुरुवात है मांगों पर पहल नहीं हुआ तो 10 मार्च को कुसमुंडा खदान में महाबंद आंदोलन भी होगा।

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों की बर्बादी और किसानों की लाशों पर जिला प्रशासन के सहयोग से इस क्षेत्र में एसईसीएल अपने मुनाफे के महल और उत्पादन की नई कीर्तिमान खड़े कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोयला उत्खनन के लिए हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस-भाजपा की सरकारों ने, जिला प्रशासन और खुद एसईसीएल ने इन विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली और आज भी वे रोजगार और पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान सभा नेता ने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी। देश हित के नाम पर भू विस्थापित किसानों से आजीविका के साधन जमीन का अधिग्रहण करने के बाद भू विस्थापितों के जीवन को अंधकार बनाने वाले नीतियों एवं एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा भू विस्थापितों की समस्याओं के प्रति गंभीरता से समस्याओं का निराकरण नहीं करने के खिलाफ अभी अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल में बैठने के लिए मजबूर हुए हैं और आगे खदान बंद के साथ आंदोलन को और उग्र करने की भी तैयारी है।

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं करता है तो आगे आंदोलन और उग्र होगा और अब सभी भू विस्थापितों को जमीन के बदले रोजगार मिलने तक पीछे हटने वाले नहीं है संघर्ष और तेज करने कि रणनीति तैयार की जा रही है।

किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर कटघोरा ब्लॉक के अध्यक्ष जय कौशिक ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ो लोगों को विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे नहीं तो खदान बंदी के लिए तैयार रहे।

किसान सभा ने कहा कि एसईसीएल प्रत्येक खातेदार को रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू करे नहीं 10 मार्च को कोयला उत्पादन को भी पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा और कोयला से जुड़े किसी भी अधिकारी और मंत्री के दौरे का भी विरोध किया जाएगा।

किसान सभा के नेतृत्व के भू विस्थापितों ने लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर सभी भू विस्थापितों को रोजगार देने की मांग महाप्रबंधक के सामने रखी।

आंदोलन में प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर,रेशम यादव, दामोदर श्याम,रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह ठकराल,दीना नाथ,मोहनलाल यादव,हरिहर पटेल,धुनिराम कौशिक, बृजमोहन,अमृत बाई, सरिता,राजेश्वरी, वीरसिंह,विकास सिंह,नरेंद्र, बसंत चौहान, राकेश कंवर, शिवदयाल,रामायण सिंह कंवर, संजय यादव, सत्रुहन दास, अघन बाई, मीना बाई, कनकन बाई, सुकल बाई, जीरा बाई, गीता बाई के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल रहे।

सकारत्मक चर्चा के बाद आंदोलन समाप्त हुआ
बैठक में निर्णय
1)बिलासपुर में लंबित रोजगार प्रकरणों का 15 दिवस में निराकरण कर रोजगार प्रदान किया जाएगा।
कुसमुंडा
2) कुसमुंडा मुख्यालय में जांच पूरी की गई 10 फाइल सात दिनों में रोजगार के लिए बिलासपुर भेजा जाएगा।
3) सत्यापन में भेजने वाली फाइल सात दिनों के अंदर सत्यापन में भेजना शुरू की जाएगी।
4) अर्जन के बाद जन्म वाले सभी फाइल की सूची बनाकर बिलासपुर मुख्यालय भेजा जाएगा।

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