कोरबा@M4S:कोरबा के एस ई सी एल कुसमुंडा खदान से प्रभावित 54 गांव के भू विस्थापित रोजगार,पुर्नवास,ज़मीन वापसी की मांग को लेकर 28 घंटे की आर्थिक नाकेबंदी के बाद एस ई सी एल प्रबंधन के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन समाप्त हुआ, अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा, भू विस्थापित रोजगार एकता संघ और भूविस्थापितों के अन्य संगठनों के आह्वान पर कल सुबह से जारी कोयला की आर्थिक नाकाबंदी आज शाम 4 बजे तक लगभग 28 घंटे चली,आंदोलन को शुरू से ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने समर्थन दिया और बड़ी संख्या में माकपा कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल हुए,आंदोलन को तोड़ने और नेताओं को डराने-धमकाने की तमाम कोशिशों के असफल होने के बाद आखिरकार एसईसीएल प्रबंधक को झुकना पड़ा और जिला प्रशासन की मध्यस्थता में 21 सितम्बर को आंदोलनकारियों की तमाम मांगों पर बातचीत के लिए सहमत होना पड़ा। इस आंदोलन के कारण कोयले की ढुलाई करने वाली 4000 से ज्यादे ट्रकों के पहिये थम गए और दूसरे दिन साइलो बंद होने से ट्रेन लोडिंग भी प्रभावित हुआ, क्योंकि आंदोलनकारियों ने कोयला खदानों और सायलो पर ही कब्जा जमा लिया था। इसके चलते एसईसीएल को इन दो दिनों में दस करोड़ रुपयों से ज्यादा का नुकसान का अनुमान है,
छत्तीसगढ़ किसान सभा, भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने एक साझा बयान में कहा की कोयला की आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने के लिए क्षेत्र के मजदूर-किसानों, नागरिकों, ग्रामीण जनता और व्यापारी वर्ग का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि यदि 21 सितम्बर को रोजगार के सवाल पर प्रबंधन सही रूख नहीं अपनाता, तो फिर से उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि रोजगार और पुनर्वास की कीमत पर और ग्रामीणों की लाशों पर एसईसीएल प्रबंधन को मुनाफा कमाने नहीं दिया जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र के नाते सामाजिक कल्याण की जिम्मेदारी को पूरा करने उसे मजबूर किया जाएगा।
किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर और दीपक साहू ने कहा कि आगे भी सभी भू विस्थापित इसी तरह एकजुट आंदोलन करते रहेंगे तो तभी भू विस्थापितों को उनका अधिकार मिल पाएगा। एसईसीएल को कार्य धरातल में करना होगा अगर इस बार प्रबंधन का आश्वाशन झूठा दिखा तो आगे और उग्र आंदोलन करेंगे।
आंदोलन को माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर के साथ किसान सभा और भू विस्थापित संघ से जुड़े नेता शिवदयाल कंवर,सुभद्रा कंवर,बसंत चौहान,विजय कंवर,देव कुंवर कंवर,संजय यादव,दामोदर श्याम,रेशम यादव,रघु,दीनानाथ,जय कौशिक, सुमेंद्र सिंह ठकराल,देव पटेल, जयपाल कंवर,अजय पटेल,बलराम यादव,राजू यादव,कोमल खरे,भीर सिंह,संतोष राठौर, दिलहरण दास,बृजेश श्रीवास, के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापितों ने संबोधित किया।