केंद्र सरकार की श्रम नीति में बदलाव मजदूरों पर हमला है जिले सहित छत्तीसगढ़ से सैकड़ों मजदूरों ने संसद रैली में हिस्सा लिया 

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नई दिल्ली@M4S:ट्रेड यूनियन करने का अधिकार छीन रही है केंद्र सरकार के खिलाफ देशभर से लाखों की संख्या में एकत्रित हुए मजदूर किसानों के संघर्ष रैली को संबोधित करते हुए मजदूर नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार आज देश के मजदूरों को संगठित होने के, मजदूरी बढ़ाने के संघर्ष करने के अधिकार को छीननें पर लगी हुई है आज दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान मजदूरों के संघर्ष रैली को संबोधित करते हुए मजदूर किसान खेत मजदूर यूनियन के नेताओं ने संबोधित किया
जानकारी उक्त रैली की जानकारी देते हुए राज मिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के जिला अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा कि देश के कोने कोने से मजदूर और खेत मजदूर आज मोदी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए दिल्ली में एकत्रित हुए है रैली में हीशेदारी करने वाले करने वालों में भारी संख्या में महिलाओ की
हिस्सेदारी रही है.


नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए मोदी सरकार अपने वादे को निभाने के बदले वादाखिलाफी कर रही है 100 दिन में महंगाई कम करने का वादा कर सत्ता में आने के बाद आज महंगाई मोदी के जमाने में मोदी के जमाने में आसमान छू रही है महंगाई के कारण आज आम जनता के जीवन त्रासत है कारपोरेट घरानों को पूरी तरह से छूट देकर मोदी सरकार गरीबों का और देश को लूट रही है गरीबों के उपयोग के सामानों पर जीएसटी लगाकर तो महंगा बनाया जा रहा है और उसको खरीदने में आम जनता की हालत खराब हो रही हो.
कुशल मजदूरों के मासिक वेतन न्यूनतम 26000 करने की मांग को नेताओं ने दोहराते हुए कहा कि ₹200 मजदूरी दे रही है जबकि हमारी मांग है कि ₹600 प्रतिदिन मजदूरी मनरेगा मजदूर को मजदूरी मिलनी चाहिए साल में 100 दिन 100 दिन रोजगार देने के बदले साल में 200 दिन को रोजगार उपलब्ध कराया जाए लेकिन मोदी सरकार मनरेगा के बजट में पैसे की कटौती कर दिया है जितनी पैसा आवंटन किया गया है ऐसे में पिछले वर्ष जितने मजदूर काम किए थे उतने ही मजदूरों को साल में 20 दिन से अधिक काम काम से मिलकर नहीं मिल सकता जिसका सीधा प्रभाव गांव के मजदूरों पर पड़ने वाले हैं मनरेगा मजदूर के कार्य की कटौती के कारण वे देहाडी मजदूर शहर में मजदूरी करने के लिए विवश हो जाएंगे
निर्माण मजदूरों में रेजा और कुली जिनके मजदूरी न्यूनतम 600 रु हनी चाहिए न्यूनतम 600रु देने के बदले बड़े बड़े ठेक़दार मालिक उनको 150 से 200 रु मे काम करते है
नेताओ नें कहा की 2 साल पहले केंद्र सरकार नें इस बात को मना था की समर्थन मूल्य पर क़ानून बनया जयगा लेकिन सरकार ठन्डे बास्ते मे डाल रखा है
इस संघर्ष रैली से मजदूर किसान को मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष को व्यपक और तेज करने का आह्वान किया गया ।

इस इस रैली में छत्तीसगढ़ से सैकड़ों लोगों ने हिस्सेदारी की सोम साहू कुंज लाल साहू महावीर यादव दिनेश मरकाम चेतराम यादव शिव प्रसाद यादव असलाल मरकाम अनु क्षमा राधेलाल कुंजाम सत्यनारायण पटेल राकेश कोराम सहित हजारों लोग शामिल थे ।

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