UNLISTED SHARES पर टैक्स के नियमों में होने वाला है बदलाव, निवेशकों पर ये होगा असर

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नई दिल्ली(एजेंसी):इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) अनलिस्टेड कंपनियों में विदेशी निवेश पर टैक्स को लेकर जल्द नियम जारी कर सकता है। ये जानकारी एक सरकारी अधिकारी की ओर से दी गई है। ये नियम इन कंपनियों में निवेश की वैल्यूएशन पर होंगे।जानकारी के मुताबकि, नए वैल्यूएशन नियमों के आने के बाद अनलिस्टेड कंपनियों की फेयर मार्केट वैल्यू के आधार पर ही एनआरआई की ओर से किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट पर टैक्स लिया जाएगा।बता दें, सरकार की ओर से इसके लिए फाइनेंस एक्ट 2023 में आईटी एक्ट की धारा 52(2)(viib) के तहत संशोधन कर दिया गया है और अनलिस्टेड कंपनियों में किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट को इसके अंदर लाया गया है। हालांकि, DPIIT के मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को इससे छूट दी गई है।

कैसे लगेगा टैक्स?

फाइनेंस एक्ट 2023 (Finance Act 2023) में बताया गया है कि फेयर मार्केट वैल्यू (Fair Market Value) से ऊपर होने वाले निवेश टैक्स के दायरे में आएंगे, चाहें निवेश घरेलू निवेश की ओर से किया गया हो या फिर एनआरआई की ओर से।

क्यों है संशोधन की जरूरत?

इससे पहले फरवरी में जारी पीटीआई की एक रिपोर्ट में इनकम टैक्स अधिकारियों ने बताया था कि संशोधन की आवश्यकता है, क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट और फेमा अनलिस्टेड कंपनियों पर टैक्स की कैलकुलेशन को लेकर अलग-अलग नियम हैं। सभी पक्षों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए फेमा के नियमों के अनुरूप बनाने के लिए इनकम टैक्स के नियम 11UA को फिर से निर्धारित किया जाएगा।

फिलहाल लगता है एजेंल टैक्स

मौजूदा नियमों के मुताबिक, घरेलू निवेशकों की ओर से अलिस्टेड कंपनियों में फेयर मार्केट वैल्यू के ऊपर किए जाने वाले निवेश पर ही टैक्स लिया जाता है। इसे एजेंल टैक्स कहा जाता है।

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