कोरबा@M4S:भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने वित्तीय वर्ष 2019 का ‘बेस्ट इनोवेशन इन प्रोक्योरमेंट टेक्नोलॉजी’ पुरस्कार जीता। मुंबई में 27 अगस्त, 2019 को ट्रांसफॉरमेंस फोरम द्वारा आयोजित प्रोक्योरमेंट टेक समिट एंड अवार्ड कार्यक्रम में पुरस्कार बालको के वाणिज्य सह महाप्रबंधक विनय अग्रवाल ने ग्रहण किया, बालको के वाणिज्य प्रमुख हर्षपाल सिंह के नेतृत्व में बालको को यह पुरस्कार ए.आर.आई.बी.ए. प्लेटफॉर्म के क्रियान्वयन के लिए मिला। विनय अग्रवाल ने बताया कि पुरस्कार समारोह में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कंपनियों एनविडिया, के.पी.एम.जी., आई.टी.सी., आदित्य बिड़ला समूह, विप्रो, स्मार्टफूड्ज आदि ने शिरकत की, ए.आर.आई.बी.ए. प्लेटफॉर्म क्लाउड पर आधारित वैश्विक गवर्नेंस प्रणाली है। इस प्रणाली का उत्कृष्ट क्रियान्वयन बालको के वाणिज्य विभाग ने एल्यूमिनियम तथा पावर के क्षेत्र में ऑक्शन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया। प्रणाली का प्रयोग खरीद प्रक्रिया के डिजीटाइजेशन तथा ऑटोमेशन में भी प्रभावी रूप से किया जा रहा है। श्री अग्रवाल ने यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा एनालिटिक्स आदि का प्रयोग वाणिज्य तथा व्यवसाय के सुचारू प्रचालन की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिए मिला पुरस्कार। कोरबा@M4S:भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के मैनपाट बॉक्साइट खदान ने औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिए सी.आई.आई. ईस्टर्न रीजन एच.एस.ई. पुरस्कार-2018-19 जीता। बालको देश में चोटी की उन चुनिंदा कंपनियों में शामिल है जिसे यह पुरस्कार दिया गया। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने गौरवशाली उपलब्धि के लिए वेदांता और बालको परिवार को शुभकामनाएं दी हैं। कलकत्ता में आयोजित समारोह में यह पुरस्कार बालको के मुख्य औद्योगिक सुरक्षा अधिकारी (खान)प्रमोद रंजन और मैनपाट बॉक्साइट खान प्रमुख अजय तिवारी ने ग्रहण किया। प्रति वर्ष यह पुरस्कार ऐसे उद्योगों को दिया जाता है जो औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण प्रबंधन को गवर्नेंस प्रक्रिया, रणनीति एवं सतत खनन प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाकर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। प्रतिष्ठित सी.आई.आई. एच.एस.ई. पुरस्कार के लिए देश की 58 कंपनियों ने विभिन्न श्रेणियों में भागीदारी की। निर्णायक मंडल ने आवेदन पत्रों के आधार पर मूल्यांकन किया। इस प्रक्रिया के दौरान निर्णायक मंडल ने विभिन्न स्थानों का दौरा किया साथ ही कंपनियों की औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण प्रबंधन संबंधी प्रस्तुतियों का अध्ययन किया।