Surya Grahan:सूर्य ग्रहण जारी, दुनिया के इन हिस्सों में देखा जा रहा सूर्य ग्रहण का शानदार नजारा

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नई दिल्ली(एजेंसी):आज साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह एक कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है जिसे मिश्रित सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण आज सुबह 7 बजकर 04 मिनट से शुरू हो गया है और इसका समापन दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा, जिसके कारण इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।

 

कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?

सूर्य ग्रहण जारी है, जिसे दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है। सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर काटते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूर्य ग्रहण की घटना होती है। सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पूरी तरह से या फिर आंशिक रूप से रुक जाता है। इस दौरान सूर्य की रोशनी पृथ्वी के कुछ हिस्सों में नहीं पहुंच पाता है। इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

Surya Grahan 2023: इस ग्रहण के बाद क्या करें

  • ग्रहण  समाप्त होते ही तुलसी के पौधे में गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध कर लें।
  • पूजा घर में गंगाजल जरूर छिड़कें, इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाएगी।
  • ग्रहण समाप्त होते ही गर्भवती महिलाओं को स्नान करना चाहिए।
  • सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद  तिल और चने की दाल का दान अवश्य करें।
  • सूर्य ग्रहण खत्म होते ही घर में झाड़ू लगाने के साथ पोंछा लगा दें।
  • सूर्य ग्रहण के बाद देवी-देवताओं के दर्शन करना शुभ माना जाता है।
  • इसलिए ग्रहण खत्म होते ही स्नान करके अपने आराध्य के दर्शन जरूर करें।

इस साल कब-कब होगा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण

सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023 )

सूर्य ग्रहण कब से कब तक
 पहला (20 अप्रैल 2023, गुरुवार) 7 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक
सूतक काल भारत में सूतक काल मान्य नहीं
 दूसरा (14 अक्टूबर 2023 शनिवार) भारत में दिखाई नहीं देगा
सूतक काल  दूसरा भी सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा

चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023)

चंद्र ग्रहण कब से कब तक
पहला (05 मई 2023) रात 08 बजकर 45 मिनट से रात 01 बजे तक
सूतक काल उपच्छाया चंद्र ग्रहण की वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा
दूसरा (29 अक्टूबर)  रात 01 बजकर 06 मिनट से रात 02 बजकर 22 मिनट तक
सूतक काल   शाम 5 बजे से 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक

सूर्य ग्रहण के दौरान इन 4 राशि वालों को रहना होगा सावधान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है तो इसका प्रभाव सभी राशियों के ऊपर पड़ता है। इस ग्रहण का प्रतिकूल प्रभाव चार राशि वालों को सावधान रहना पड़ता है। ज्योतिष गणना के मुताबिक मेष, सिंह, धनु और मकर राशि वालों को ज्यादा सतर्क रहना होगा।  इनको सेहत संबंधित समस्याएं आ सकती है और धन हानि की संभावना है। वाद-विवाद बढ़ सकते हैं।

सूर्य ग्रहण के दौरान करें ये उपाय

सूर्य ग्रहण की घटना का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्यदेव का विशेष महत्व होता है। सूर्यदेव आत्मा और आरोग्य के कारक हैं, ऐसे में जब भी सूर्यदेव के ऊपर ग्रहण लगता है तो व्यक्ति की आरोग्य क्षमता को प्रभावित करता है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव के ऊपर कुछ देर के लिए पापी ग्रह राहु का प्रभाव अधिक रहता है। ऐसे में इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सूर्य देव के बीच मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभदायक होता है। इसमें सूर्यदेव से संबंधित मंत्रों का जाप करना होता है।

साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी, जानिए क्यों है यह खास

साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी है। दुनिया के कई हिस्सों में इस सूर्य ग्रहण का नजारा देखा जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा ही अमावस्या तिथि पर पड़ता है और आज वैशाख माह की अमावस्या तिथि है। एक वर्ष में कई बार घटने वाला सूर्य ग्रहण कई रूपों में दिखाई देता है। जिसमें पूर्ण सूर्य ग्रहण जिसे खग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण जिसे खंडग्रास सूर्य ग्रहण का नाम दिया जाता है। इसके अलावा कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भी दिखाई देता है। इसे हम मिश्रित या संकरित सूर्य ग्रहण भी कह सकते हैं। इस संकरित सूर्य ग्रहण को विज्ञान की भाषा में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के नाम जाता है। इस तरह का सूर्य ग्रहण बहुत ही दुर्लभ सूर्यग्रहण होता है क्योंकि इस ग्रहण के दौरान कुछ जगहों पर यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ता है, तो कुछ स्थानों पर पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में, वहीं कुछ जगह पर यह कुंडलाकार सूर्य ग्रहण की तरह दिखाई देता है। इसी कारण से इसे विज्ञान की भाषा में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण जबकि ज्योतिष शास्त्र में मिश्रत सूर्य सूर्यग्रहण के नाम से जाना जाता है।

ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप

शास्त्रों में ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है। ग्रहण के दौरान और उसके पहले से सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करने के लिए बताया जाता है। ऐसे मान्यता है ग्रहण के दौरान लगातार मंत्रों का जाप करने से भगवान को ग्रहण का कष्ट कम होता है। इसके अलावा मंत्रों के जाप करने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम रहता है। आप ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

  • ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।
  • ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
  • दुनिया के इन हिस्सों में सूर्यग्रहण जारी…

    पूरी दुनिया में आज सूर्य ग्रहण जारी है लेकिन भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। यह एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा। भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं होने के कारण इसका सूतककाल प्रभावी नहीं होगा। यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। इस सूर्य ग्रहण को दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है। चीन, थाईलैंड, अमेरिका, मलेशिया, जापान, न्यूजीलैंड, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर

  • दुनिया के इन हिस्सों में सूर्यग्रहण जारी…

    पूरी दुनिया में आज सूर्य ग्रहण जारी है लेकिन भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। यह एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा। भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं होने के कारण इसका सूतककाल प्रभावी नहीं होगा। यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। इस सूर्य ग्रहण को दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है। चीन, थाईलैंड, अमेरिका, मलेशिया, जापान, न्यूजीलैंड, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर

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