STUDY: क्या आंखों के लिए सच में फायदेमंद हैं ब्लू लाइट ग्लासेस? स्टडी में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली(एजेंसी):इन दिनों लगभग हर कोई अपना ज्यादातर समय स्क्रीन के आगे बिता रहा है। ऐसे में हर समय स्क्रीन के आगे बैठे रहने की वजह से न सिर्फ हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि हमारी आंखें भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में अपनी आंखों को स्क्रीन के हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए कई लोग ब्लू लाइट वाले चश्मे का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या यह चश्मा वास्तव में हमारी आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी सामने आई है, जिसे जानकर शायद आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, इस हालिया स्टडी में यह पता चला है कि स्क्रीन से अपनी आंखों को बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ब्लू रेज वाला चश्मा आंखों के लिए उतना फायदेमंद नहीं है, जितना कि इसे माना जाता है। कई लोगों का ऐसा मानना है कि ब्लू रेज वाला चश्मा स्क्रीन से हमारी आंखों को बचाने के साथ ही रात में नींद में मदद करते हैं।

क्या कहती है स्टडी

हालांकि, मेलबर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा सिटी, लंदन विश्वविद्यालय और मोनाश विश्वविद्यालय के सहयोगियों के साथ किए गए एक नए अध्ययन में यह सामने आया कि ब्लू लाइट वाले चश्मे के इस्तेमाल से स्क्रीन के कारण आंखों पर होने वाली समस्या और नींद की गुणवत्ता पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है। स्टडी में शामिल एक विशेषज्ञ के मुताबिक कंप्यूटर से निकलने वाली नीली लाइट से आंखों को होने वाले नुकसान से बचाने में ये चश्मे लाभकारी नहीं हैं।

ज्यादा फायदेमंद नहीं है ब्लू फिल्टर चश्में

इसके अलावा वैज्ञानिकों ने कहा कि यह भी साफ नहीं है कि ये लेंस दृष्टि गुणवत्ता में या नींद से संबंधित समस्याओं को प्रभावित करते हैं या नहीं? अपने अध्ययन में, लेखकों ने यह भी बताया कि वास्तव में, आंखों में होने वाली समस्याओं की वजह स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट नहीं है। उन्होंने कहा, उनमें से अधिकांश को “कंप्यूटर विजन सिंड्रोम” है, जो लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठे रहने से संबंधित है।

सिर्फ इतनी ब्लू लाइट करते हैं फिल्टर

साथ ही इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि कंप्यूटर स्क्रीन और अन्य आर्टिफिशियल सोर्सेस से निकलने वाली नीली रोशनी की मात्रा दिन के उजाले से होने वाली नीली रोशनी का केवल एक हजारवां हिस्सा है। ऐसे में इस तरह के चश्मों की कोई जरूरत भी नहीं है। इतना ही नहीं नीली रोशनी वाले लेंस आमतौर पर सिर्फ 10% -25% ब्लू लाइट को ही फिल्टर करते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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