कोरबा@M4S:एक तरफ जहां लोग मतदान नहीं करने को लेकर कई तरह के बहाने बना देते हैं, लेकिन दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्र को मजबूती देने में ग्रामीण पीछे नहीं है। परिवार में कोई बड़ी घटना हो जाए तो भी अपने मताधिकार का उपयोग करने से पीछे नहीं हटते हैं। कुछ इसी तरह का मामला ग्राम पंचायत बारीडीह में सामने आया है, जहां घर पर बेटे की लाश पड़ी थी इसके बाद भी दुखियारी मां ने अपनी बेवा हो चुकी बहू के साथ वोट डालकर अपना कर्तव्य निभाया है। सास बहू के इस जज्बे को जो भी सुन रहा है उनके जज्बे को सलाम कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के तहत लोकसभा चुनाव के लिए 7 मई को वोटिंग हुई। जिसमें इस बार शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं ने भारी उत्साह दिखाया है। शहरी क्षेत्र से कहीं अधिक वोटिंग ग्रामीण इलाकों में हुई है। विषम परिस्थितियों के बाद भी ग्रामीणों ने मताधिकार का उपयोग कर मिसाल पेश की है। इसी तरह पुत्र की मृत्यु के बाद भी मां अपनी बहू को लेकर वोट डालने मतदान केन्द्र पहुंची थीं। मामला कोरबा ब्लॉक के जनपद पंचायत कोरबा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत बारीडीह का है। यहां निवासरत शुकवारा बाई खडिय़ा 53 वर्ष पति स्व अंजोर सिंह के पुत्र राजकुमार खडिय़ा (40वर्ष) की मौत हो गई थी। जिस दिन लोकसभा चुनाव हो रहे थे उसी दिन वोट डालने पहुंची महिला ने अपने बेटे को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया था। फिर भी मृत बेटे की मां शुकवारा बाई वोट डालने से वंचित नहीं रही और खुद तो वोट डाला ही बहू शिवरात्रि बाई (38वर्ष)को भी मताधिकार से वंचित नहीं होने दिया। महिला आंखों में आंसू लिए मतदान करने पहुंची थी। उसने कहा कि परिस्थितियां परिस्थिति जो भी हो वोट डालना हमारा कर्तव्य और अधिकार है। महिला ने जो जज्बा दिखाया है उस जज्बे को सभी सलाम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बताया जा रहा है कि मृतक के दो पुत्र अर्जुन कुमार(19वर्ष), अविनाश कुमार (14वर्ष) और एक बहन प्रीति कुमारी (17वर्ष) है।
घर पर पड़ी थी पुत्र की लाश, मां ने बहू के साथ किया मतदान दुख में डूबे परिवार ने लोकतंत्र को किया मजबूत
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